अलीगढ़: जेवर एयरपोर्ट के करीब ग्रेटर अलीगढ़ टाउनशिप बसाने के लिए किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन क्रय की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. किसानों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने मुआवजा की राशि बढ़ा दी है. अब जिस किसान की जमीन का क्रय किया जाएगा उसे वर्तमान सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा. जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बैठक कर इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है.जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के साथ बैठक कर आपसी सहमति के आधार पर भूमि क्रय किए जाने के लिए अनुमोदन समिति में यह निर्णय लिया.कुछ दिन पहले किसानों ने टाउनशिप के लिए जमीन देने के विरोध में पंचायत की थी. उपजाऊ जमीन नहीं देने का ऐलान किया था.
किसानों ने अटलपुर में महापंचायत कर ग्रेटर अलीगढ़ सिटी बनाने के लिए जमीन नहीं देने का ऐलान किया था.ग्रेटर अलीगढ़ टाउनशिप के लिए कुल 323 हेक्टेयर भूमि का क्रय होना है.इस जमीन के लिए नौ गांव में भूअधिग्रहण होना है. कुछ किसानों ने प्रशासन को अपनी मंशा से अवगत कराते हुए कहा था कि अलीगढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर अलीगढ़ शहर बसाए जाने के लिए ऊसर और बंजर जमीन का चयन किया जाए. किसान अपनी उपजाऊ कृषि जमीन को किसी भी सूरत में अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के पक्ष में विक्रय करने के लिए सहमत नहीं हैं.
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने जिलाधिकारी को जमीन की दरें निर्धारित किए जाने के संबंध में बताया कि गांव अटलपुर, मूसेपुर, जिरौली, जिरौली डोर , अहमदाबाद, जतनपुर , चिकावटी, लौहसरा, बिसावन, रुस्तमपुर अखन की भूमि का अधिग्रहण कर ग्रेटर अलीगढ़ टाउनशिप का विकास किया जाना है . नौ गांव के 812 किसानों से कुल 323 हेक्टेयर भूमि का क्रय किया जाना है. लगभग 225 से अधिक किसान अपनी सहमति जता चुके हैं, अन्य किसानों से सहमति लेने की प्रक्रिया चल रही है.
वहीं, अटलपुर के रहने वाले किसान आनंद प्रताप सिंह ने बताया कि ग्रेटर अलीगढ़ शहर बसाने के लिए अलीगढ़ विकास प्राधिकरण किसानों की जमीन का अधिग्रहण करना चाहता है. हम अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहते. चाहे वह एक करोड़ बीघा दें या 10 करोड़ बीघा दे. किसान आनंद प्रताप ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे. हम जमीन प्राधिकरण को दे देंगे तो अपने बच्चों के लिए क्या छोड़कर जाएंगे.