आगरा. शहर में गणपति उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. विघ्नहर्ता के विसर्जन के दिन नजदीक आते ही ही गणपति विसर्जन की तैयारी शुरू कर दी गई है. भक्तों की श्रद्धा और उनकी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए नगर निगम ने यमुना घाटों पर ही गणपति विसर्जन के लिए खास तैयारी कर ली है. विसर्जन सीधे यमुना नदी में नहीं करने दिया जाएगा.
नगर निगम द्वारा आगरा के तीन प्रमुख घाट पर दो- दो कुंड बनाए गए हैं. जो भी लोग अपने गणपति का विसर्जन करने के लिए आएंगे उन्हें नगर निगम द्वारा बनाए गए कुंड में ही गणपति विसर्जित करने होंगे. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने यह इंतजाम किए हैं. आगरा के दशहरा घाट , बल्केश्वर और हाथी घाट पर नगर निगम द्वारा कुल 6 कुंड बनाए गए हैं. इन कुंडों की गहराई करीब 5 से 7 फीट है. चौड़ाई करीब 30 फीट है. जिसमें एक तरफ बड़े कुंड और एक तरफ छोटे कुंड हैं. आगरा के सर्वाधिक बड़े गणपति का भी विसर्जन इन कुंडों में किया जा सकता है.
प्रमुख घाटों पर नगर निगम के कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं. जो लोग गणपति लेकर यमुना में विसर्जित करने के लिए आएंगे कर्मचारी उन्हें रोककर इन्हीं कुंडों में गणपति का विसर्जन करा रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी महिला व पुरुष गणपति का विसर्जन यमुना नदी में नहीं करेगा.
गणपति का विसर्जन 11वें दिन होता है. लेकिन कुछ लोग पांचवें, सातवें, नौंवे दिन भी गणपति का विसर्जन करते हैं. ऐसे में यमुना के इन प्रमुख घाटों पर भक्तजन अपने छोटे से लेकर बड़े गणपति तक का विसर्जन करने के लिए भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. आगरा नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि शहर के प्रमुख दशहरा, बल्केश्वर और हाथी घाट पर गणपति विसर्जन के लिए कुंड बनाए गए हैं. साथ ही अन्य स्थानों पर आवश्यकता के अनुसार कुंड बनाए जाएंगे.