UP News : भारत ने की अंकों के साथ अनंत तक की खोज, शून्य था ही नहीं, विशेषज्ञों ने वैदिक गणित को लेकर चौंकाया
दुनिया कहती है कि शून्य (0)की खोज भारत में हुई. सच यह है कि भारत में शून्य था ही नहीं.भारत ने अंकों के साथ अनंत तक की खोज सदियों पहले वैदिक गणित के माध्यम से कर ली थी. गणितीय विज्ञान और एप्लीकेशंस पर आगरा में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में कई नई जानकारियां दी गयीं.
आगरा. गणितीय विज्ञान और एप्लीकेशंस पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन खंदारी कैंपस के जेपी सभागार में किया गया. इस आयोजन में 3 दिनों तक कई देशों के 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे और इसका समापन 26 मार्च को आईबीएस संस्थान में किया जाएगा. शुक्रवार को इस कांफ्रेंस का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर आशू रानी और पूर्व कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुंदरलाल व कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीएस राजपूत द्वारा किया गया.
आगर के खंदारी कैंपस में तीन दिवसीय नेशनल मैथमेटिकल कॉन्फ्रेंस
खंदारी कैंपस के जेपी सभागार में चल रही तीन दिवसीय नेशनल मैथमेटिकल कॉन्फ्रेंस में कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीएस राजपूत ने बताया कि गणित सिर्फ अंको को जोड़ना है या घटाना ही नहीं है. हमारे वेदों और विचारों में इसका विस्तृत वर्णन है. विश्व में कहा जाता है कि शून्य की खोज भारत में हुई. लेकिन वेदों को अगर देखें तो हमारा यहां 0 था ही नहीं. अंकों के साथ अनंत तक की खोज सदियों पहले वैदिक गणित के माध्यम से हो चुकी है.
अनंत परमात्मा की खोज के लिए भी गणित का सहारा लेते थे ऋषि
प्रोफेसर बीएस राजपूत ने बताया कि हमारे ऋषि मुनि अनंत परमात्मा की खोज के लिए भी गणित का ही सहारा लिया करते थे. वे कहते थे कि अनंत की खोज के लिए स्वयं को शून्य बनाना होगा. इसका अर्थ है कि हमारे भारत में 0 से लेकर अंत तक की खोज हो चुकी है. जहां पर आधुनिक गणित अब तक नहीं पहुंच पाया. हमें तरक्की पाने के लिए वैदिक गणित की ओर लौटना होगा और हर क्षेत्र में जिस तरह पहले गणित का उपयोग होता था उसी तरह वर्तमान में करके हम फिर से विश्व गुरु की पदवी तक पहुंच सकते हैं.
कई देशों के 150 से अधिक विशेषज्ञ पहुंचे
गणितीय विज्ञान और एप्लीकेशंस की इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन सचिव प्रोफेसर संजीव कुमार ने बताया कि सेमिनार में अमेरिका, ट्यूनीशिया, नेपाल, नाइजीरिया समेत देश भर से 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं. 22 से अधिक अवार्ड प्राप्त स्पीकर इसमें अपने वक्तव्य देंगे और 26 मार्च को इसका समापन आईबीएस संस्थान में होगा.
रिपोर्ट- राघवेंद्र गहलौत