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UP: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान, मेला क्षेत्र का बढ़ाया जाएगा दायरा

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सर्वे किया है. इसके आधार पर मेला क्षेत्र के विस्तार पर निर्णय किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेला क्षेत्र के विस्तार को लेकर प्राधिकरण तेजी से काम में जुट गया है. हालांकि जमीन को लेकर अंतिम निर्णय उस साल बारिश और बाढ़ की स्थिति के बाद ही किया जाएगा.

By Sanjay Singh | May 11, 2023 4:26 PM

Prayagraj: प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर काम शुरू हो गया है. इस बार ये आयोजन इसलिए भी खास होगा, क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. कहा जा रहा है कि प्रयागराज महाकुंभ 2025 में देश दुनिया से 40 करोड़ श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे. इससे पहले कुंभ मेला 2018-19 में 25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा और संगम स्नान करने आए थे. वर्ष 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या के मद्देनजर इस बार मेला क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा.

इसके लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सर्वे किया है. अब इसके आधार पर मेला क्षेत्र के विस्तार पर निर्णय किया जाएगा. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रयागराज महाकुंभ 2025 के मद्देनजर मेला क्षेत्र के विस्तार को लेकर प्राधिकरण तेजी से काम में जुट गया है. हालांकि जमीन को लेकर अंतिम निर्णय उस साल बारिश और बाढ़ की स्थिति के बाद ही किया जाएगा. उसी आधार पर पता चलेगा कि गंगा का बहाव किसी क्षेत्र में ज्यादा और कहां जमीन रिक्त है. फिर भी माना जा रहा है कि नैनी औद्योगिक क्षेत्र से आगे करछना बॉर्डर तक, झूूंसी में सराय इनायत तक और फाफामऊ में मलाक हरहर की ओर से मेला क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा.

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इन क्षेत्रों में अभी से निर्माण कार्य को भी तेजी से कराया जाएगा, जिससे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधाओं का लाभ मिल सके. इसके लिए संगम से सीधी कनेक्टिविटी के लिए सड़क मार्ग, संपर्क मार्ग और नदियों पर पांटून पुलों की संख्या में इजाफा किया जाएगा.

महाकुंभ में प्रयागराज की धरती पर आने वाले किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए कई प्रकार की नई पहल भी की जाएगी. प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने महाकुंभ में प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर भी एक अन्य फैसला किया है. इसके तहत ट्रांसपोर्ट के इंतजाम के साथ ही जगह-जगह साइनेज लगाए जाएंगे. साइनेज में हिंदी सहित पांच भाषाओं का इस्तेमाल होगा, जिससे दूर दराज के राज्यों के साथ आने वाले लोग भी इसे पढ़ सकें और उन्हें मेला क्षेत्र में भटकना नहीं पड़े.

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