UP News : चार दिन से लापता पायल व्यापारी की हत्या, थाने पहुंचे परिजनों ने पुलिस पर लगाया घूस का आरोप
लापता होने के करीब 12 घंटे बाद परिजन फिर से थाने पहुंचे तो पुलिस ने उनसे कहा कि हम अभी आपकी शिकायत नहीं लिखेंगे लेकिन विनोद गुप्ता को तलाशना शुरू कर दिया है. 4 दिन तक पुलिस की तरफ से परिजनों को कोई भी संतुष्ट जवाब नहीं मिला.
आगरा. कालिंदी विहार क्षेत्र रहने वाले पायल व्यापारी के लापता होने के बाद पुलिस ने उसका शव बरामद किया है. प्रथम दृष्टया बताया जा रहा है कि व्यापारी की हत्या की गई है. पुलिस पर व्यापारी की तलाश में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने थाना ट्रांस यमुना पर जमकर हंगामा किया. वही परिजनों ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया कि व्यापारी को ढूंढने के लिए थाने में पुलिस द्वारा उनसे घूस भी ली गई. हालांकि पुलिस ने अभी शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. रिपोर्ट आने के बाद ही हत्या के कारणों का पता चल सकेगा.
27 जुलाई को रात 8 बजे हुई आखिरी बार बात
जानकारी के अनुसार आगरा के थाना ट्रांस यमुना क्षेत्र के कालिंदी बिहार के रहने वाले 52 वर्षीय विनोद कुमार गुप्ता चांदी की पायल बनाने का काम करते हैं. उनकी पत्नी बबिता गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 27 जुलाई को रात करीब 8 बजे उनके पति के मोबाइल पर किसी अनिल नाम के व्यक्ति का फोन आया. इसके बाद वह घर से चले गए और 10 मिनट में वापस आने की बोल गए. लेकिन करीब 1 घंटे तक जब वापस नहीं आए तो उन्होंने पति के मोबाइल पर कॉल किया. उनका मोबाइल नहीं उठा और कुछ देर बाद मोबाइल बंद हो गया.
समय से नहीं लिखी पुलिस ने गुमशुदगी
परिजनों के पास विनोद गुप्ता का जब फोन नहीं आया तो वह उनकी तलाश में जुट गए और थाना ट्रांस यमुना पहुंचे यहां पर उन्होंने पुलिस को पूरी बात बताई, लेकिन पुलिस ने परिजनों को यह कह कर वापस लौटा दिया कि 24 घंटे बाद उनकी गुमशुदगी दर्ज की जाएगी. लेकिन परिजनों ने हार नहीं मानी और रात भर विनोद गुप्ता को तलाशते रहे. करीब 12 घंटे बाद परिजन फिर से थाने पहुंचे तो पुलिस ने उनसे कहा कि हम अभी आपकी शिकायत नहीं लिखेंगे लेकिन विनोद गुप्ता को तलाशना शुरू कर दिया है. जब 4 दिन तक पुलिस की तरफ से परिजनों को कोई भी संतुष्ट जवाब नहीं मिला तो उन्होंने मीडिया की मदद ली. मीडिया में खबर चलने के बाद पुलिस ने तलाश शुरू कर दी और दोपहर को विनोद गुप्ता के घर पर कॉल कर बताया. कि आपके पिता की बॉडी मिल गई है. शिनाख्त के लिए आ जाएं. मंडी समिति चौकी पर उन्हें एक फोटो दिखाई गई जिसके बाद उन्होंने शव की शिनाख्त की.
बेटी बोली, पापा को तलाशने के लिए पुलिस ने मांगे ₹50000
विनोद गुप्ता के घर वालों को जैसे ही पता चला कि उनकी हत्या कर दी गई है. सभी घरवाले थाना ट्रांस यमुना पहुंच गए और पुलिस पर आरोप लगाने लगे कि पुलिस ने अगर इस मामले में शुरू से ही गंभीरता दिखाई होती तो शायद आज विनोद गुप्ता जिंदा होते. विनोद गुप्ता की बेटी शैली पुलिस थाने के सामने चीख चीख कर कह रही थी कि उन्होंने अनिल और राजेश चौहान पर शक जताया था और पुलिस को उनके बारे में बताया था, लेकिन पुलिस ने कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई.काफी मुश्किलों के बाद जब गुमशुदगी दर्ज की गई तो थाने पर तैनात एसआई रेखा रानी को जांच सौंपी गई. उन्होंने पापा को तलाशने के लिए उनसे ₹50000 की मांग की. पैसे देने के बावजूद रेखा रानी ने दावा किया कि अगले दिन सुबह 10:00 बजे तक तुम्हारे पिता को तुम्हारे हवाले कर देंगे.
बेटी के कहने के बाद भी पुलिस ने नहीं देखा सीसीटीवी
मृतक विनोद गुप्ता की बेटी शैली ने बताया कि पुलिस से जब सीसीटीवी फुटेज तलाशने को कहा गया तो पुलिस ने उस पर भी ध्यान नहीं दिया. मेरे चाचा नगर निगम के सीसीटीवी की फुटेज देखने के लिए जब स्मार्ट सिटी के कार्यालय पहुंचे तो वहां कहा गया कि पुलिस से एप्लीकेशन लिखवा कर लाइए. लेकिन जब हमने एसआई गोस्वामी से एप्लीकेशन पर मोहर लगाने को कहा तो उन्होंने हमें फटकार कर भगा दिया और हमारी कोई मदद नहीं की.
28 अप्रैल को यमुना नदी में मिला शव
हंगामे की सूचना पर थाना ट्रांस यमुना पहुंचे एसीपी आरके सिंह ने बताया कि विनोद गुप्ता का शव 28 अप्रैल को थाना एत्मादपुर क्षेत्र में यमुना नदी में मिला था. एत्मादपुर पुलिस ने शव की शिनाख्त कराने के प्रयास किए शिनाख्त न होने पर अज्ञात में पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया. आज दोपहर में शव की शिनाख्त हुई है. प्रथम दृष्टया यह मामला हत्या कर यमुना में शव फेंकने का लग रहा है पोस्टमार्टम के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.
परिजन थाने पर चीख रहे थे, पुलिसकर्मी हंस रहे
विनोद गुप्ता के परिजन जिस समय थाने पर चीख पुकार कर रहे थे. पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगा रहे थे. उसी समय मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी उनकी हरकतों को देख कर हंस रहे थे. वही बताया गया कि परिजनों का गुस्सा देखकर थाने पर मौजूद प्रभारी और विवेचना कर रही एसआई चुपचाप थाने से खिसक गई.