UP News : बरेली के झुमके की हिफाजत करेगी तीसरी आंख, नगर निगम ने तैयार किया यह खास प्लान
UP News: बरेली को 55 साल बाद मिले झुमके की हिफाजत अब तीसरी आंख करेगी. नगर निगम इसके चारों ओर 10 सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रही है. झुमका चौराहे के सौंदर्यीकरण की भी योजना है.
UP News: उत्तर प्रदेश में बरेली की पहचान ‘झुमके’ से भी है, लेकिन यह झुमका बरेली को 55 साल बाद मिल पाया है. लिहाजा, अब नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस ने झुमके की हिफाजत करने का फैसला लिया है. झुमके की हिफाजत के लिए चारों ओर 10 सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाएंगे. ट्रैफिक कंट्रोल को ट्रैफिक लाइट लगने का काम शुरू हो चुका है, जबकि झुमका चौराहे के सौंदर्यीकरण पर अफसरों में मंथन चल रहा है.
उत्तर प्रदेश में दो बरेली हैं, इसमें एक रायबरेली, तो दूसरे की पहचान बांस बरेली से है. बरेली को बांस की पहचान इसलिए मिली थी, क्योंकि यहां बांस की खेती बड़े स्तर पर थी और देश भर में बरेली के बांस की बड़ी मांग थी. मगर, बांस बरेली को बॉलीवुड के डायरेक्टर राज खोसला ने 1966 में झुमके से भी पहचान दिलाई. उनकी हिन्दी फिल्म ‘मेरा साया’ में अभिनेत्री साधना ने ‘झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में’ गीत गाया था. यह गीत आने के बाद बांस बरेली में देश भर के लोग झुमका तलाशने लगे.
कहीं भी कोई बरेली का जिक्र करता तो तुरंत ही झुमके की चर्चा शुरू हो जाती. बरेली की नई पहचान झुमका भी बन गई थीं. मगर, बरेली 55 साल बाद नौ फरवरी 2020 को यह पहचान दे सका. दिल्ली रोड से बरेली शहर के इंट्री गेट पर बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने एक निजी मेडिकल कॉलेज के सहयोग से 20 फिट ऊंचा झुमका लगवाया है. झुमका लगने के साथ ही तिराहे का नाम भी झुमका चौराहा रख दिया गया है. यहां पुलिस की अस्थाई चौकी भी बन गई है.
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मुंबई के डिजायनर ने किया डिजाइनबरेली के झुमके को डिजायनर से डिजाइन मांगे गए थे. सब जगह 28 झुमके के डिजाइन आए. मगर, बीडीए ने मुंबई के डिजायनर रजनीश अग्रवाल के डिजाइन को फाइनल किया.
70 किलो वजन, 25 लाख का आया खर्चझुमका मुरादाबाद में तैयार हुआ था. इसका वजन 70 किलोग्राम है. यह 25 लाख में तैयार हुआ था. हालांकि, झुमका चौराहा पर 35 लाख रुपये बीडीए ने बांउड्रीवाल और सौंदर्यीकरण में खर्च किए थे.
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– राममोहन सिंह, एसपी ट्रैफिक
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद