UP News : उर्सला अस्पताल के डॉक्टर और दो नर्स की सेवा हुई समाप्त, जानें क्या है पूरा मामला…
दो माह पूर्व नौबस्ता के देवकी नगर के रहने वाली महिला की पित्त की थैली काआपरेशन हुआ था.आपरेशन के दौरान डाक्टर पीके मिश्रा ने महिला के पेट में स्पंज छोड़ दिया था.
कानपुर: उर्सला अस्पताल में आपरेशन के बाद महिला के पेट में स्पंज छोड़ने के मामले में जिलाधिकारी विशाल अय्यर ने सीडीओ सुधीर कुमार की रिपोर्ट पर सविंदा डॉक्टर और दो स्टाफ नर्स की सेवा को समाप्त कर दिया है. डीएम ने कार्रवाई करते हुए संविदा डाक्टर पीके मिश्रा और आपरेशन में उनके साथ रहने वाली दो संविदा स्टाफ नर्स रिचा और अंकिता की भी सेवा समाप्त करने की संस्तुति की है. कुछ दिन पूर्व ऐसे ही एक मामले में डीएम ने इलाज में लापरवाही के लिए बिल्हौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्साधिकारी को बर्खास्त किया था.
जाने क्या है पूरा मामला
दरअसल,उर्सला अस्पताल में दो माह पूर्व नौबस्ता के देवकी नगर के रहने वाले रऊफ खान की 40 वर्षीय पत्नी बुशरा बानो की पित्त की थैली काआपरेशन हुआ था.आपरेशन के दौरान डाक्टर पीके मिश्रा ने महिला के पेट में स्पंज छोड़ दिया था. इसके बाद महिला की हालत बिगड़ने पर स्वजन ने आठ अगस्त को शारदा नगर स्थित अनुराग अस्पताल लेकर पहुंचे थे.जहां एमआरआइ रिपोर्ट में पेट के अंदर स्पंज की पुष्टि के बाद आपरेशन किया गया था और महिला की मौत हो गई थी. इस मामले में सीडीओ सुधीर कुमार ने उर्सला अस्पताल जाकर डाक्टर और स्टाफ नर्स के बयान लिए थे.जिस पर डीएम ने दंड में दोषी पाए जाने पर उनकी सेवा समाप्त करने की संस्तुति कर दी है.
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लाइसेंस निरस्त करने को भेजा पत्र
डीएम ने उर्सला अस्पताल के डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने में डॉक्टर की सेवा समाप्त करने के साथ ही लाइसेंस रद्द करने के लिए एनएमसी को पत्र लिखने के निर्देश भी दे दिए हैं. जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम विशाख जी ने सख्त कार्रवाई की. पिछले साल नवंबर में बिल्हौर सीएचसी में संदीप शर्मा की पत्नी के पेट का ऑपरेशन संविदा पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि सूरी ने किया था. ऑपरेशन के बाद लापरवाही की हद तो देखिए की तौलिया मरीज के पेट में छोड़ दिया. पिछले माह उर्सला अस्पताल के डॉ. प्रशांत ने जो ऑपरेशन किया उसमें महिला मरीज के पेट में पट्टी छोड़ दी वहीं अगले ही दिन उसकी मौत हो गई थी. दोनों मामलों की सीएमओ और प्रशासनिक टीम ने जांच की थी. दोष सिद्ध होने पर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई.