UP News : यमुना विकास प्राधिकरण का टप्पल में चला बुलडोजर, 7 अवैध कालोनियां ध्वस्त
अलीगढ़ के टप्पल इलाके में अवैध कॉलोनी बसाने वाले बिल्डरों के खिलाफ यमुना विकास प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई की है. मंगलवार को करीब एक दर्जन बुलडोजर अवैध कॉलोनी को ढहाने के लिए पहुंचे.
अलीगढ़ : टप्पल इलाके में अवैध कॉलोनी बसाने वाले बिल्डरों के खिलाफ यमुना विकास प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई की है. मंगलवार को करीब एक दर्जन बुलडोजर अवैध कॉलोनी को ढहाने के लिए पहुंचे . बिल्डरों द्वारा बनाई गई सात कालोनियों को ध्वस्त किया गया है. प्राधिकरण का कहना है कि बिल्डर यहां मकान और जमीन बेच कर गायब हो जाते है. यमुना विकास प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र कुमार भी मौके पर प्राधिकरण की टीम के साथ पहुंचे. जिन्होंने बताया कि यह कर्रवाई चौथी बार की जा रही है और अवैध कालोनियों के खिलाफ थाना टप्पल में चार दर्जन मुकदमें दर्ज किये गये है. अलीगढ़ इलाके में पड़ने वाले टप्पल के करीब 20 गांव यमुना विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में आते हैं. यहां से यमुना एक्सप्रेस वे भी करीब है.
जेवर एयरपोर्ट के पास है टप्पल इलाका
जेवर एयरपोर्ट बनने के कारण टप्पल इलाके में बिल्डर अवैध कॉलोनी बसा रहे हैं. यहां किसानों से जमीन लेकर बिल्डर गलत काम कर रहे हैं. मंगलवार को सात कॉलोनी पर कार्रवाई हुई है. अवैध कॉलोनी को लेकर 52 मुकदमें पहले ही टप्पल थाने में पंजीकृत है. पहले कार्रवाई होने के बाद भी बिल्डर कंस्ट्रक्शन अब भी काम कर रहे हैं. इसमें टप्पल इलाके में आनंद विहार कॉलोनी, मेट्रो सिटी, सिंघवाल, एक्वा ग्रीन , आशियाना कॉलोनी को ध्वस्त किया गया. इसमें तीन कालोनियां 15 हेक्टेयर में विकसित की जा रही थी , वहीं बाकी कॉलोनी 35 हेक्टेअर में बनाई जा रही थी. टप्पल इलाके में 20 हज़ार रुपए वर्ग मीटर के हिसाब से जमीन बेची जा रही थी . यहां बिल्डरों ने अवैध मकान भी खड़े कर दिये हैं. जिसे प्राधिकरण तोड़ रहा है.
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बिल्डर अवैध कालोनियां बना रहे हैं
वही यमुना विकास प्राधिकरण के ओएसडी शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि जमीन खरीदने वाले पहले पूरी छानबीन कर लें, फिर टप्पल इलाके में जमीन खरीदें , क्योंकि बिल्डर यहां अवैध कॉलोनी बनाएंगे लेकिन प्राधिकरण उसे तोड़ देगा , इसलिए अपना पैसा इन्वेस्ट करने वाले बायर्स यहां झांसे में न फंसे, जो बिल्डर यहां जमीनों का धंधा कर रहे हैं. वह सेल करके भाग जाते हैं और बाद में बायर्स को झेलना पड़ता है. थाने में मुकदमे भी हो रहे हैं. जिसमें बायर्स को थाने भी जाना पड़ रहा है. यमुना विकास प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों का कोई विरोध नहीं है. उन्होंने कहा कि हम किसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं. वहीं कोर्ट के आदेश पर ही यहां तोड़ा जा रहा है. बाकी किसानों से जमीन अधिग्रहण पर काम चल रहा है.