Bareilly: यूपी नगर निकाय चुनाव का सियासी रण जीतने की कोशिश में सभी दल जुटे हैं. भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा निकाय चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल मान रहे हैं, तो वहीं भाजपा के गठबंधन दल यूपी में सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश में हैं.
प्रदेश सरकार में शामिल अपना दल (एस) और निषाद पार्टी ने भी निकाय चुनाव में प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है. इस वजह से बरेली की नगर पंचायत देवरनिया पर अपना दल (एस) और नगर पालिका नवाबगंज पर निषाद पार्टी ने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है. इसी तरह से सभी 75 जिलों में एक-एक सीट तय कर ली गई है. पहले भाजपा से गठबंधन में एसआईटी मांगी गई हैं. इसके साथ ही भाजपा से गठबंधन में सीट न मिलने पर अपने बलबूते भी चुनाव लड़ने की तैयारी की गई है.
पार्टी हाईकमान की तरफ से जिलों के संगठन को निर्देश दे दिए गए हैं. सरकार के सहयोगी दलों ने नगर निकायों में संगठन से सर्वे भी कराया है. इसके बाद दावेदारों से संपर्क साधना भी शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही सर्वे रिपोर्ट आने के बाद अपना दल और निषाद पार्टी ने भाजपा को गठबंधन में सीटें देने को सूची भी सौंपी है. मगर, गठबंधन में सीट नहीं मिलने पर अपने प्रत्याशी भी उतारने की बात कही है.
इससे भाजपा को नुकसान होने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में भाजपा सरकार के सहयोगी दलों को सीट देने से होने वाले फायदे और न देने से होने वाले नुकसान का अंदाजा लगा रही है. चिंतन और मंथन के बाद जल्द ही फैसला किया जाएगा. उत्तर प्रदेश की 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 545 नगर पंचायत का आरक्षण जारी हो चुका है.
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उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल निकायों में भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने से दावेदार बच रहे हैं. लेकिन, सहयोगी दलों से चुनाव लड़ने की कोशिश में है. उनका मानना है कि सहयोगी दलों से चुनाव लड़ने से उन्हें नुकसान नहीं होगा. इसके साथ ही प्रशासन पुलिस से सहयोग मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल तथा उनके पति आशीष पटेल यूपी में लगातार अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने के साथ संगठन का विस्तार करने में जुटे हैं. इसके साथ ही निकाय चुनाव को लेकर भी रणनीति बना रहे हैं.अनुप्रिया पटेल भी जिलों में सभाएं कर रही हैं.
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद भाजपा के साथ मिलकर निकाय चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं. संजय निषाद की नेतृत्व वाली निषाद पार्टी की निषाद, बिंद, केवट, मल्लाह समाज के बीच अपनी मजबूत पकड़ करने में जुटी है. वह निषाद बाहुल्य क्षेत्र में अपने उम्मीदवारों के लिए निकाय चुनाव में टिकट चाहते हैं.
निकाय चुनाव से पहले भाजपा ने सभी जिलों के संगठन पदाधिकारियों से कभी नहीं जीतने वाली निकाय की सूची मांगी थी. यूपी की 100 से अधिक निकाय भाजपा कभी नहीं जीती है.ऐसी सीट सरकार के सहयोगी दलों को देने पर विचार विमर्श चल रहा है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली