Bareilly: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव अप्रैल-मई में संपन्न होना है, तो वहीं लोकसभा चुनाव 2024 की भी तैयारियां शुरू हो गई हैं. लेकिन अभी तक सपा, भाजपा और कांग्रेस के नए संगठन का ऐलान नहीं हुआ है. सपा संगठन एक जुलाई, 2022 को भंग हुआ था. इसके बाद राष्ट्रीय कमेटी का ऐलान हो गया. अभी प्रदेश, जिला, महानगर और फ्रंटल संगठन की कमेटियों का ऐलान नहीं हुआ है. जिसके चलते पार्टी की चुनावी तैयारियां भी ठंडी पड़ी हैं.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछले दिनों कुछ जिलों के जिला अध्यक्ष की घोषणा की थी. मगर, 75 से अधिक जिलों में संगठन नहीं है. सपा के नए संगठन की घोषणा 18 मार्च से पहले होने की उम्मीद है. बरेली में जिलाध्यक्ष के लिए यादव समाज से प्रमुख रूप से पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव, योगेश यादव, अरविंद सिंह यादव, आदेश सिंह यादव गुड्डू का नाम है, तो वहीं ओबीसी में पूर्व जिलाध्यक्ष अगम मौर्य और निवर्तमान जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप के नाम की भी चर्चा चल रही है.
हालांकि, विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार पर भी दांव लगाया जा सकता है. क्योंकि, बरेली सपा में अनुशासन खत्म हो गया है. इसलिए सीनियर लीडर की जरूरत बताया जा रही है. निवर्तमान जिलाध्यक्ष की पैरवी पार्टी नेता राजपाल कश्यप कर रहे हैं. इसके साथ ही एससी समाज का भी जिलाध्यक्ष बनने की उम्मीद जताई जा रही है.
एससी समाज में पूर्व विधायक विजयपाल सिंह का नाम प्रमुख है. हालांकि, जिला पंचायत सदस्य ब्रह्मस्वरूप सागर ने भी जिलाध्यक्ष के लिए आवेदन किया है.ओबीसी में कई लोग जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं. महानगर अध्यक्ष पद के लिए वर्तमान महानगर अध्यक्ष शमीम अहमद सुल्तानी का नाम प्रमुख है, तो वहीं पूर्व महानगर अध्यक्ष जफर बेग की मजबूत दावेदारी है. बरेली में महानगर अध्यक्ष बनने के लिए दावेदारों की संख्या काफी कम है. सपा में जिलाध्यक्ष से लेकर महानगर अध्यक्ष बनने के लिए मुस्लिमों में बड़ी संख्या में दावेदारी करते थे. मगर, इस बार दावेदारों की संख्या काफी कम है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को करीब 6 महीने पहले पार्टी की बागडोर दी गई थी. मगर, उनकी कमेटी में बदलाव नहीं हुआ है. पुरानी कमेटी से ही काम चला रहे हैं. जिसके चलते बरेली में जिला और महानगर कमेटी में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है. यह कमेटी 20 मार्च तक आने की उम्मीद है.
यूपी कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा को काफी समय हो गया. मगर, उनकी भी टीम नहीं बनी है. पार्टी बरेली में काफी समय से नए जिलाध्यक्ष की तलाश में जुटी है. मजबूत जिलाध्यक्ष होने के साथ ही गाड़ी होना भी प्राथमिकता में रखा गया है. बरेली में कांग्रेस एक बार फिर मुस्लिम जिलाध्यक्ष पर दांव लगाने की तैयारी में है.
भाजपा प्रदेश कमेटी में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. पुरानी कमेटी से कई लोगों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. इनमें से कुछ विधायक और एमएलसी भी बताए जा रहे हैं.
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बसपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, लेकिन कमेटी में बदलाव होने की उम्मीद नहीं हैं. पुराने संगठन से ही निकाय और लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरने की तैयारी की जा रही है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली