UP STF ने बरेली में दो फर्जी अफसर दबोचे, प्लास्टिक की पिस्टल दिखाकर करते थे वसूली, जानें पूरा मामला

यूपी एसटीएफ की टीम ने 2 फर्जी एसटीएफ अफसरों को पकड़ा है. ये प्लास्टिक पिस्टल के साथ लोगों पर रौब गांठते थे. आरोपियों के पास से एसटीएफ लिखी हुई स्कार्पियो कार भी मिली है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 24, 2023 11:41 AM

Bareilly : उत्तर प्रदेश के बरेली में यूपी एसटीएफ की टीम ने 2 फर्जी एसटीएफ अफसरों को पकड़ा है. यह काफी समय से नकली प्लास्टिक पिस्टल के साथ लोगों पर रौब गांठते थे. आरोपियों के पास से एसटीएफ लिखी हुई स्कार्पियो कार भी मिली है. इसमें एक आरोपी का भाई सैन्य अफसर है. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. हालांकि, आरोपियों पर फर्जी एसटीएफ अफसर बनकर लूटपाट का भी आरोप है. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है.

बरेली देहात के विशारतगंज थाना क्षेत्र के सिसौना गांव निवासी हिमांशु शर्मा, आंवला कोतवाली के मोहल्ला कुरेशियन निवासी शुभम शर्मा काफी समय से फर्जी एसटीएफ बनकर लोगों पर रौब गांठते थे. उनकी स्कॉर्पियो कार पर एसटीएफ लिखा था. इसके साथ ही कमर में नकली प्लास्टिक पिस्टल लगाकर चलते थे. इनको शहर के रामपुर गार्डन से एसटीएफ के डीएसपी अब्दुल कादिर के साथ टीम ने गिरफ्तार किया है.

यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने आरोपियों की तलाश की. इसमें आरोपियों के पास से प्लास्टिक की पिस्टल, दो आधार कार्ड, दो मोबाइल, और 3100 रुपये नकद बरामद हुए हैं. आरोपियों पर प्लास्टिक की पिस्टल दिखाकर लोगों को धमकाकर वसूली करने का भी आरोप है. टीम ने स्कॉपियो अपने कब्जे में ले ली है. गाड़ी हिमांशु शर्मा की है. पूछताछ में हिमांशु ने बताया कि उसका भाई रमाकांत शर्मा सेना में जेसीओ है.

उसने अपनी स्कॉर्पियो पर एसटीएफ लिखवा लिया. एसटीएफ टीम ने कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है. इसके साथ ही पुलिस ने भी जांच पड़ताल शुरू कर दी है. आरोपी हिमांशु ने बताया उसका भाई मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट में तैनात है. यह यूनिट की तरह काम करती है. इसलिए एसटीएफ लिखवाया था. यह लिखवा कर काफी सम्मान मिलता था. पुलिस गाड़ी नहीं रोकती थी. इसलिए लिखवाया था. मगर, यह कहानी एसटीएफ और पुलिस गले नहीं उतर रही है.

एसटीएफ ने पकड़ा एयरफोर्स का फाइटर लेफ्टिनेंट

इससे दो दिन पहले एसटीएफ भारतीय वायु सेना के फाइटर लेफ्टिनेंट की वर्दी धारण कर सैकड़ो बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले जालसाल को दबोचा था. एसटीएफ की गिरफ्त में आए फर्जी भारतीय वायु सेना अधिकारी पर युवकों को भर्ती कराने के नाम पर लाखों रूपये हड़पने का आरोप था. एसटीएफ की पूछताछ में उत्कर्ष पाण्डेय ने बताया कि उसने वर्ष 2020 में भारतीय सेना की एक्स, वाई ग्रुप व एनडीए की परीक्षा दी थी.

इसमें उसके ही गांव के प्रवीन तिवारी का एक्स ग्रुप (टेक्निकल) में सेलेक्शन हो गया, जबकि वह फेल हो गया था. गांव और घर के लोगों के बीच की शर्मिन्दगी से बचने के लिये उसने सभी से झूठ बोल दिया, कि उसका भी सेलेक्शन हो गया है. इसके बाद वह कुछ न कुछ झूठ बोलकर अपने परिवार वालो को गुमराह करता रहा कि उसकी ट्रेनिंग तेलंगाना मे चल रही है.

जानें क्या है एसटीएफ

उत्तर प्रदेश सरकार का एक सरकारी संगठन है, जो कि मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश राज्य में होने वाले माफिया घटनाओं के बारे खुफिया जानकारी जुटाना और उस पर करवाई करने के लिए जाना जाता है. अगर और आसान भाषा में इसके बारे में बात करें, तो एसटीएफ का गठन केवल उत्तर प्रदेश राज्य में माफिया घटनाओं को रोकने के लिए किया गया था. एसटीएफ का गठन 4 मई 1998 को किया गया था . उस वक्त श्री प्रकाश शुक्ला, जो नामी गैंगेस्टर था. उसको मारने के उद्देश्य किया गया था.

एसटीएफ गठन का मुख्य उदेश्य

उत्तर प्रदेश में होने वाले किसी भी माफिया घटनाओं के बारे खुफिया जानकारी जुटाना और उसके ऊपर उचित करवाई करना होता है. इसके अलावा आईएसआई एजेंटों के गतिविधियां को रोकने का भी कार्य करता है. एसटीएफ के गठन कुल 5 प्रमुख कार्यों को पूरा करने के लिए किया गया है. इसमें एसटीएफ का सबसे पहला प्रमुख कार्य उत्तर प्रदेश के सभी बड़े माफिया गैंग के बारे में सारी जानकारी हासिल करना और उसका एक रिपोर्ट तैयार करना है.

इसके बाद उन सभी माफिया गैंग के ऊपर जिला पुलिस के साथ समन्वय बना करके उचित करवाई करना. इसके अलावा डकैतों के गिरोह को जो किसी खास जिले से ऑपरेट किए जाते हैं, उन्हें चिन्हित करना l,और उन पर उचित प्रभावी कार्रवाई करना है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य के सभी छोटे बड़े माफियाओं पर पूर्ण रूप से शिंकजा कसना भी एसटीएफ के प्रमुख उदेश्ययो में से एक है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली

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