कानपुर: UPCA को यूपी टी-20 लीग के चुकाने पड़ेंगे 10.31 करोड़, ग्रीन पार्क के डिप्टी डायरेक्टर से रिपोर्ट तलब
शासन ने माना कि अधिकतम 50 फीसदी तक छूट देना ठीक नहीं है. यूपीसीए के मुताबिक कानपुर के ग्रीन पार्क में हुए इस आयोजन में आईपीएल की तरह बीसीसीआई से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली. इसके साथ ही टिकट की बिक्री भी नहीं हुई. वहीं प्रसारण में भी कोई धनराशि नहीं ली गई. किसी अन्य तरह से भी आय नहीं हुई.
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में ग्रीन पार्क में हुई यूपी टी-20 लीग कराने के 10.31 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) को देने पड़ सकते हैं. शासन ने खेल निदेशालय से 50 फीसदी शुल्क में छूट देने का कारण पूछा है. टिकट की बिक्री समेत अन्य ब्योरा मांगा गया है. इसके बाद खेल निदेशालय ने ग्रीन पार्क प्रशासन से पूरी रिपोर्ट तलब की है. 29 अगस्त से ग्रीन पार्क में यूपी टी-20 लीग यूपीसीए ने कराई थी. इसमें यूपी की छह टीमों ने भाग लिया था. यूपीसीए को ग्रीन पार्क में प्रति मैच खेल निदेशालय को 25 लाख की धनराशि देना होता है. उसके हिसाब से यूपीसीए को खेल विभाग को 10.31 करोड़ रुपए देने थे, जिसे नहीं दिया गया. यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी ने शासन से 50 फीसदी छूट मैच फीस में मांगी थी. लीग खत्म हुए तीन महीने बीतने के बाद अब शासन सक्रिय हो गया है. शासन ने खेल निदेशालय को पत्र भेजकर टी-20 कराने की सहमति के बारे में पूछा है. टिकट बिक्री समेत प्रसारण से लेकर अन्य जानकारी भी मांगी है.
प्रतियोगिता पूरी तरह से कॉमर्शियल
शासन ने माना कि अधिकतम 50 फीसदी तक छूट देना ठीक नहीं है. यूपीसीए के मुताबिक कानपुर के ग्रीन पार्क में हुए इस आयोजन में आईपीएल की तरह बीसीसीआई से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली. इसके साथ ही टिकट की बिक्री भी नहीं हुई. वहीं प्रसारण में भी कोई धनराशि नहीं ली गई. किसी अन्य तरह से भी आय नहीं हुई. उधर अधिकारियों के मुताबिक यह बात मानी नहीं जा सकती है, जबकि प्रतियोगिता पूरी तरह से कॉमर्शियल थी. इसलिए खर्च से लेकर टिकट व स्पांसर का पूरा ब्योरा दिया जाए. किन-किन स्रोतों से इनकम हुई, यह भी बताएं.
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शासन को भेजा गया पत्र
कानपुर ग्रीनपार्क के डिप्टी डायरेक्टर आरएन सिंह ने बताया कि शासन को धनराशि के संबंध में पत्र भेजा गया था. निदेशालय से रिपोर्ट मांगी गई है. उसकी पूरी जानकारी कर खेल निदेशालय को भेजा जाएगा.