कानपुर : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् (UPMSP) की परीक्षा देने वाले छात्र- छात्राओं को सेंटर तक पहुंचने को लंबी दूरी तय करनी होगी. इस बार 22 किलोमीटर दूर तक सेंटर बनाया गया है. इससे स्कूल प्रबंधकों मे नाराजगी है. यह नाराजगी उन्होंने आपत्तियों के माध्यम से शिक्षा विभाग में दर्ज कराई है.सेंटर अधिक दूर होने वाली सबसे अधिक 158 आपत्तियां शिक्षा विभाग में दर्ज कराई गई है.सेंटर डोर होने के कारण जिले के लगभग 15 हजार परीक्षार्थियों के सामने परेशानी खड़ी हो गई हैं. इनके परीक्षा केंद्र 20 से 22 किलोमीटर दूर पड़ गए हैं.इस विषय को जिला समिति की बैठक में रखा जाना है. इसके बावजूद 158 स्कूलों की दूरी को कम करना अधिकारी मुश्किल भरा मान रहे हैं. शिक्षा विभाग की ओर से रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी गई है.
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इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र को बनाने के लिए जीआई टैगिंग का इस्तेमाल किया गया था. इस तकनीक के जरिए स्कूल के परिसर के भीतर से ही फोटो खींचकर स्कूल प्राशासन को वेबसाइट पर अपलोड करना था.इस बार आपत्तियां अधिक आने के स्कूलों की ओर से भी लापरवाही माना जा रहा है. यह माना जा रहा है कि जीआई तकनीक को स्कूल बेहतर तरीके नहीं समझ पाए हैं.जिसकी वजह से केंद्र की दूरी अधिक हुई है. जिले में सबसे अधिक दूरी पर शंकर बख्श इंटर कॉलेज पाली नर्वल का सेंटर गया है.स्कूल से केंद्र की दूरी 22 किलोमीटर तक है. इस स्कूल का सेंटर एबी विद्यालय माल रोड पड़ा है. इसी तरह बीड़ा पाली इंटर कॉलेज लक्ष्मणपुर का सेंटर जीजीआईसी घाटमपुर पड़ा है. यह दूरी लगभग 20 किलोमीटर है.
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परीक्षा देने के लिए छात्राओं का सेंटर भी लगभग 12 किलोमीटर दूर तक पड़ा है.इनमें साई पब्लिक स्कूल गोवा गार्डन प्रमुख है. स्कूल का सेंटर क्राइसिस इंटर कॉलेज पड़ा है.वहीं, लक्ष्मी शंकर इंटर कॉलेज स्कूल का सेंटर भी क्राइस्टचर्च इंटर कॉलेज माल रोड पड़ा है. इन दोनों सेंटर पर शिक्षा विभाग के समक्ष आपत्ति जताई गई हैं. परीक्षा केंद्रों की दूरी सुबह की परीक्षा में परीक्षार्थियों को सबसे अधिक परेशान करती है. परिक्षार्थियों को इसके लिए जल्दी घर से निकलना होगा.यात्रा की थकान और दौड़भाग की वजह से भी परीक्षा में पूरी क्षमता से उत्तर नहीं दे पाएंगे. जिला विद्यालय निरीक्षक फतेह बहादुर सिंह का कहना है की परीक्षा केंद्र से दूरी से संबंधित सभी आपत्तियों पर रिपोर्ट बनाई जा रही है. शिक्षा विभाग की ओर से आपत्ति पर विचार किया जा रहा है.स्कूलों की आपत्तियों को कमेटी की बैठक में रखा जाएगा.कमेटी में हुए निर्णय को माना जाएगा.