उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को एपीएस के 300 पदों का अधियाचन मिल चुका है. आयोग की ओर से पहले ही सूचना जारी की जा चुकी है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह में विज्ञापन प्रस्तावित है. ऐसे में आयोग इसी हफ्ते 300 पदों का विज्ञापन जारी कर सकता है.
इससे पूर्व आयोग ने वर्ष 2013 में भर्ती का विज्ञापन जारी किया था, जो अब तक अधूरी है. ऐसे में दस साल पहले अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती में शामिल जो अभ्यर्थी ओवरएज जो चुके हैं, वे एपीएस की नई भर्ती में शामिल हो सकेंगे या नहीं, यह भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद स्पष्ट हो जाएगा.
बता दें कि वर्ष 2013 से पहले वर्ष 2010 की भर्ती सीबीआई जांच के घेरे में है और 2010 की भर्ती में धांधली के सुबूत मिलने पर सीबीआई की ओर से आयोग के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पर मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है, हालांकि, यह मामला तब पकड़ में आया, जब 2010 के चयनितों को नियुक्ति मिल चुकी थी, लेकिन उस वक्त 2013 की भर्ती प्रक्रिया चल रही थी.
सीबीआई की ओर से एपीएस-2010 के मामले में मुकदमा किए जाने के बाद आयोग ने एपीएस-2013 की भर्ती प्रक्रिया बीच में ही निरस्त कर दी और पुराने अभ्यर्थियों से नए सिरे से आवेदन मांग लिए. दोनों ही भर्तियों में एक ही विवाद था कि अभ्यर्थियों को शॉर्ट हैंड में आठ फीसदी गलती तक छूट दे दी गई थी, जबकि सेवा नियमावली में यह प्रावधान नहीं था.
एपीएस भर्ती की नियमावली में वर्ष 2001 से पहले शॉर्ट हैंड में पांच फीसदी तक छूट देने का प्रावधान था. 2001 में शासन ने नई नियमावली बनाई, जिसमें गलती पर छूट का प्रावधान समाप्त कर दिया गया. इसके बावजूद आयोग ने मनमाने तरीके से नियमों को तोड़मरोड़ कर शॉर्ट हैंड की परीक्षा में अभ्यर्थियों को आठ फीसदी तक की गलती पर छूट प्रदान की थी.
एपीएस भर्ती-2013 में शामिल हुए अभ्यर्थियों का कहना है कि इसमें उनकी क्या गलती. विज्ञापन तो आयोग ने जारी किया था. दस साल पुरानी भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों में से ज्यादातर आवेरएज हो चुके हैं और यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि वर्ष 2013 की एपीएस भर्ती दोबारा कब शुरू होगी. इसी वजह से अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि नई भर्ती में शामिल होने के लिए उन्हें आयु सीमा में छूट प्रदान की जाए.
अगर एपीएस-2013 के अभ्यर्थियों को नई भर्ती में शामिल होने के लिए आयु सीमा में छूट नहीं दी जाती है तो उनके लिए भविष्य के रास्ते बंद हो जाएंगे. एपीएस की नई भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि ओवरएज अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी है या नहीं. साथ ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि शॉर्ट हैंड में गलती पर छूट दिए जाने की व्यवस्था लागू रहेगी या नहीं.
गौरतलब है कि ओवरएज अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में ज्ञापन सौंपा था. ओवरएज हो चुके चंदन निषाद, उमेश चन्द्र पांडेय, जगदीश गुप्ता, राजकुमार प्रजापति, ब्रम्ह कुमार पांडेय, अजय शुक्ला, आदित्य तिवारी, राजेश सिंह, राघवेंद्र मिश्रा, अशोक पटेल व राममूरत विश्वकर्मा आदि का कहना है कि एक दशक से एपीएस की भर्ती नहीं आने के कारण वे ओवरएज हो गए हैं. इसमें उनकी क्या गलती है. लिहाजा उन्हें आगामी भर्ती में अवसर दिया जाए.