उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ओर से आयोजित की जानी वाली सीधी भर्तियों में पक्षपात और मनमानी के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं. आयोग स्क्रीनिंग परीक्षा तो करा देता था, लेकिन चयन केवल इंटरव्यू के आधार पर किया जाता था. ऐसे में अभ्यर्थियों की योग्यता का उचित मूल्यांकन नहीं हो पाता था. स्क्रीनिंग परीक्षा केवल अभ्यर्थियों की छंटनी के लिए थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सीधी भर्तियों में अब स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक भी जुड़ेंगे. आयोग ने इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. भर्तियों में पारदर्शिता को लेकर आयोग के इस निर्णय को ऐतिहासिक माना जा रहा है, इसमें राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती भी शामिल है.
अभ्यर्थियों का मूल्यांकन दो चरणों में होगा और इसके बाद अंतिम चयन परिणाम जारी किया जाएगा. इसमें भी स्क्रीनिंग परीक्षा की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण होगी. आयोग ने निर्णय लिया है कि सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया में 75 फीसदी अंक स्क्रीनिंग परीक्षा और 25 फीसदी अंक इंटरव्यू के होंगे. इस निर्णय के बाद समूह ‘ख’ की 90 फीसदी सीधी भर्तियों में स्क्रीनिंग परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर चयन होंगे. समूह ’ख’ में विशिष्ट अर्हता वाले कुछ पद और समूह ‘क’ के पदों पर ही केवल इंटरव्यू के आधार चयन किया जाएगा.
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में भी होगा लागू
खास यह कि राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती में भी स्क्रीनिंग परीक्षा और इंटरव्यू के अंक जुड़ेंगे. अब तक इस पद पर भर्ती केवल इंटरव्यू के आधार पर होती थी, जबकि अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर अंतिम चयन किया जाता है. इस पर भी सवाल उठते रहे हैं कि कि जब पद और पाठ्यक्रम एक समान हैं तो चयन प्रक्रिया में भिन्नता क्यों है, लेकिन आयोग के इस निर्णय के बाद दोनों भर्तियों की चयन प्रक्रिया लगभग एक समान हो जाएगी. वहीं आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की इस पहल का प्रतियोगी छात्रों ने स्वागत किया है. छात्र भी काफी समय से मांग कर रहे थे कि सीधी भर्ती में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएं.
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सीधी भर्ती प्रक्रिया के इंटरव्यू में अब तक एक सदस्य और एक विशेषज्ञ शामिल होते थे. ऐसे में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठते थे. आयोग ने निर्णय लिया है कि सीधी भर्ती के इंटरव्यू में दो सदस्य और दो विशेषज्ञ शामिल होंगे. किसी भी सदस्य को पहले से नहीं मालूम होगा कि इंटरव्यू बोर्ड में दूसरा सदस्य कौन होगा. यह इंटरव्यू शुरू होने से कुछ देर पहले ही स्पष्ट हो सकेगा.