UPSC Civil Services Examination 2019 result : हजारीबाग (शंकर प्रसाद) : यूपीएससी में 61वां रैंक लानेवाले हजारीबाग के प्रियांक किशोर ने कहा कि आईएएस बनने के बाद रोजगार और अर्थव्यवस्था सुधार के क्षेत्र में काम करूंगा. युवाओं को संदेश देते हुए कहते हैं कि जो भी करना है उसे ठान लें. सामने वाला क्या कर रहा है, उसकी चिंता किये बगैर मेहनत करते रहें. सोशल मीडिया, टीवी और सूचना तकनीकी के संसाधन का इस्तेमाल करें, लेकिन पढ़ाई के लक्ष्य को ध्यान में रखें.
सिविल सेवा परीक्षा, 2019 में सफल हजारीबाग के प्रियांक किशोर ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि यूपीएससी की तैयारी में विजन आइएएस और देहली नॉलेज टैक और यूट्यूब का काफी सहारा लिया. कोचिंग नहीं लिया. उन्होंने कहा कि मेरे पिता एसडीपीओ हैं. इस कारण बचपन से सिविल सर्विस में जाने की प्रेरणा मिली है. श्यामली स्कूल की शिक्षिका शर्मिष्ठा कुमारी ने मेरे जीवन में अहम बदलाव लाया है. उन्होंने कहा कि 24 घंटे में पढ़ाई की समय-सीमा जरूर तय करें. इसके बाद जो रूचि है उसमें समय बिताएं.
प्रियांक किशोर को पढ़ाई के साथ घूमना- फिरना पसंद है. उत्तराखंड, हिमाचल और राजस्थान राज्य के अधिकांश हिस्सों का भ्रमण किया है. उन्होंने बताया कि कॉलेज के दोस्त कनिका नफीस, सिद्धार्थ और नीतिश हमें हमेशा आईएएस बनने के लिए प्रेरित करते थे. सफलता में दोस्तों का भी बड़ा हाथ होता है.
पिता कमल किशोर और माता शालिनी पांडेय के पुत्र प्रियांक किशोर ने प्रारंभिक शिक्षा लिटिल फ्लावर स्कूल, जमशेदपुर से पूरी की. इसके बाद संत जेवियर्स स्कूल रांची से 10वीं, जेवीएम श्यामली रांची से 12वीं, रामजस कॉलेज दिल्ली से बीकॉम, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी की. प्रियांक ने वर्ष 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में पहली बार शामिल हुए. इस परीक्षा में उन्हें 272वां रैंक मिला. उन्हें इंडियन एकाउंट ऑडिट सर्विस मिला. इस दौरान तैयारी जारी रखा. सिविल सेवा परीक्षा, 2019 में उन्हें 61वां रैंक मिला है.
हजारीबाग सदर एसडीपीओ कमल किशोर ने कहा कि वह बचपन से आइएएस बनने का सपना देखता था. आज उसका सपना साकार हो गया है. प्रियांक ने अपने माता-पिता का नाम रोशन कर दिया. वहीं, माता शालिनी पांडेय कहती हैं कि बेटे की परीक्षा और साक्षात्कार अच्छा गया था. इससे विश्वास बढ़ गया था. परिवार में दादी सुमित्रा पांडेय को सबसे बढ़िया उपहार मिला है. जीते जी पोता को आइएएस बनते देख रही है.
Posted By : Samir Ranjan.