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UPSC Result: तीसरे प्रयास में गढ़वा की नम्रता चयनित, तो रांची के सर्वप्रिय व लोहरदगा के राकेश भी हुए सफल

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में झारखंड के परीक्षार्थियों ने भी परचम लहराया है. गढ़वा की नम्रता चौबे को 73 रैंक मिला, वहीं रांची के सर्वप्रिय सिन्हा को 127वां रैंक प्राप्त हुआ है, जबकि लोहरदगा के राकेश रंजन को 672वां रैंक हासिल हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2022 8:31 PM

UPSC Result: संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम सोमवार को जारी कर दिया. झारखंड के भी कई प्रतिभागी सफल हुए हैं. गढ़वा जिला अंतर्गत हूर मध्या गांव निवासी नम्रता चौबे को जहां 73वां रैंक मिला है. वहीं, रांची के हरमू स्थित आनंदपुरी निवासी सर्वप्रिय सिन्हा को 127 रैंक प्राप्त हुआ है. इसके अलावा लोहरदगा के छत्तरबगीचा निवासी राकेश रंजन को 672वां रैंक हासिल हुआ है. श्री रंजन फिलहाल ट्राइबल इंस्टिट्यूट, रांची में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.

नम्रता चौबे को तीसरे प्रयास में मिली सफलता

गढ़वा प्रखंड के हूर मध्या ग्राम निवासी पेशे से शिक्षक विपिन चौबे उर्फ गुड्डू चौबे की पुत्री नम्रता चौबे ने यूपीएससी की परीक्षा में 73वां रैंक हासिल किया है. नम्रता चौबे ने यह सफलता तीसरे प्रयास में प्राप्त की है. वर्तमान में वह दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी. नम्रता का वर्ष 2013 में आईआईटी में चयन हुआ था. 2017 में पढ़ाई पूरी करने के बाद उसका कैंपस सेलेक्शन एक मल्टीनेशनल कंपनी में हुआ था. नम्रता ने 2017 से 2019 तक मुंबई में रहकर जॉब किया, लेकिन नम्रता का लक्ष्य आइएएस बनना था. इसलिए उसने वर्ष 2019 में बहुराष्ट्रीय कंपनी की नौकरी से इस्तीफ देकर यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चली गयी.

2019 में पहली बार यूपीएससी की दी परीक्षा

नम्रता ने वर्ष 2019 में यूपीएससी की पहली परीक्षा दी. इसमें वह उतीर्ण हुई, लेकिन साक्षात्कार में पास नहीं कर पायी. इसके बाद उसने दोबार वर्ष 2020 में यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुई. इसमें भी सफलता नहीं मिलने पर भी वह हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर वर्ष 2021 की परीक्षा में बैठी और 73वां स्थान लाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया. सोमवार को यूपीएससी का परीक्षा परिणाम जैसे ही जारी हुआ, नम्रता की सफलता की जानकारी मिलते ही उसके घर में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. नम्रता के पिता वर्तमान में गढ़वा प्रखंड के राजकीय मवि परिहारा में सरकारी शिक्षक हैं.

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चार बहन व एक भाई में सबसे बड़ी है नम्रता

नम्रता चार बहनों व एक भाई में सबसे बड़ी है. उसके पिता एक शिक्षक होने के बावजूद अपनी सभी बेटियों को उच्च शिक्षा देने में पीछे नहीं रहे. नम्रता की छोटी बहन वर्षा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर इस समय चेन्नई में जॉब कर रही है. जबकि उससे छोटी बहन पूर्णिमा कोलकाता में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है. उससे छोटी बहन ज्योति कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही है. जबकि भाई रमन चौबे रांची में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा है.

रांची के सर्वप्रिय सिन्हा को मिला 127वां रैंक

राजधानी रांची के हरमू स्थित आनंदपुरी निवासी सर्वप्रिय सिन्हा को 127 रैंक प्राप्त हुआ है. संत जेवियर स्कूल, डोरंडा से मैट्रिक की परीक्षा पास कर सर्वप्रिय ने जेवीएम श्यामली से 12th किया. इसके बाद BIT मेसरा से बीटेक किया. वहीं, IIM खोजिखोड़े से पोस्ट ग्रेजुएट किया. सर्वप्रिय सिन्हा के पिता विनोद कुमार सिन्हा और माता का नाम रूप दयाल है.

लोहरदगा के राकेश रंजन को मिली सफलता

लोहरदगा शहरी क्षेत्र के छत्तरबगीचा निवासी राकेश रंजन उरांव ने यूपीएससी में सफलता पायी है. राकेश मूलरूप से मन्हें गांव के रहने वाले हैं. राकेश की सफलता से पूरा परिवार काफी खुश है. राकेश के पिता गोपाल उरांव स्टेट बैंक से स्पेशल असिस्टेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. वहीं, मां सुखमनी तिर्की लोहरदगा शहरी क्षेत्र के चुन्नी लाल उवि की सहायक शिक्षिका हैं. यूपीएससी में राकेश रंजन उरांव को 672वां रैंक हासिल हुआ है. राकेश रंजन फिलहाल रांची के ट्राइबल इंस्टिट्यूट में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. राकेश शुरू से ही प्रतिभाशाली रहे हैं. उन्होंने 5वीं झारखंड लोक सेवा आयोग में पहले प्रयास में ही सफलता पायी थी, जिसके बाद वह झारखंड सरकार में अधिकारी बने.

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Posted By: Samir Ranjan.

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