योगी सरकार उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET)-2021का पेपर आउट होने के बाद निरस्त की जा चुकी परीक्षा को हर हाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले करा लेना चाहती है. जिसकी खास वजह युवा मतदाताओं को साधने की बताई जा रही है.
जानकारों का कहना है की UPTET का पेपर लीक होने से युवाओं और शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे छात्रों में खासा नाराजगी है. सरकार इस नाराजगी को जल्द से जल्द UPTET की परीक्षा को पुनः आयोजित कर दूर करना चाहती है. क्यों की युवा भरी संख्या में मतदाता है. जिस कारण सरकार हर हाल में युवाओं को साथ जोड़ कर रखना चाहती है.
इसलिए इस बार परीक्षा आयोजित होने से पहले शासन पूरी तरह से तैयारियों को सुनिश्चित कर लेना चाहता है. इसी संबंध में प्रमुख सचिव शासन ने सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजकर पूर्व प्रस्तावित सभी परीक्षा केंद्रों का परीक्षण कराने का निर्देश दिया है.
सूत्रों की माने तो प्रमुख सचिव की ओर से जारी पत्र में जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के पूर्व उनका परीक्षण करा लिया जाए. यदि किसी परीक्षा केंद्र पर किसी प्रकार की कमी पायी जाती है और उसे बदलने की जरूरत है, तो संशोधित परीक्षा केंद्रों की सूची और अभ्यर्थियों के बैठने की क्षमता की सूचना सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को भेज दी जाए.
गौरतलब है की 28 नवंबर को आयोजित यूपीटीईटी-2021 परीक्षा पेपर आउट होने के कारण परीक्षा निरस्त कर दी गई थी. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले तय समय में तय नियमों के अनुरूप UPTET परीक्षा को शुचितापूर्वक और नकलविहीन करना बड़ी चुनौती है.
लिहाजा प्रमुख सचिव द्वारा जिलाधिकारी को पत्र के मध्यम से कहा गया की सूची में यदि ऐसे परीक्षा केंद्र है जिनके खिलाफ सामूहिक नकल, पेपर आउट करने आदि की शिकायतें सामने आई हैं उन केंद्रों के स्थान पर सबसे पहले राजकीय, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों, सीबीएसई, आईसीएसई मान्यता प्राप्त अच्छी छवि वाले विद्यालयों को केंद्र बनाया जाए.
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रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी