उर्मिला मातोंडकर को रंगीला के लिए नहीं मिला क्रेडिट, अब एक्ट्रेस ने पूछा- इमोशनल सीन करना ही एक्टिंग है?
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर को राम गोपाल वर्मा की साल 1995 की रोम-कॉम रंगीला में उनके शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है.
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर को राम गोपाल वर्मा की साल 1995 की रोम-कॉम रंगीला में उनके शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है. फिल्म में उन्होंने एक महत्वाकांक्षी अभिनेत्री की भूमिका निभाई थी जिसमें आमिर खान और जैकी श्रॉफ भी लीड रोल में थे. उनके प्रशंसकों और आलोचकों ने उनकी सराहना की और उनकी प्रशंसा की लेकिन उर्मिला को लगता है कि रंगीला के लिए एक कलाकार के तौर पर उन्हें क्रेडिट नहीं मिला.
सेक्सी दिखने के लिए भी एक्टिंग आनी चाहिए
हाल ही में एक इंटरव्यू में उर्मिला ने खुलासा किया कि उस समय उनके परफॉरमेंस को सिर्फ ‘सेक्स अपील’ करार दिया गया. टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए उर्मिला ने कहा कि फिल्मों में सेक्सी दिखने के लिए भी अभिनय की आवश्यकता होती है. उन्होंने खुलासा किया कि रंगीला की सफलता के बाद आलोचकों ने उनके बारे में गंदी बातें लिखीं.
सिर्फ इमोशनल सीन करना ही एक्टिंग है?
उर्मिला ने कहा, “रंगीला के बाद लोगों ने कहा कि मैंने जो कुछ भी किया वह सेक्स अपील के बारे में था और इसका अभिनय से कोई लेना-देना नहीं था. हाय रामा गाना एक कलाकार के बिना कैसे हो सकता है? क्या आंसू झकझोर देने वाला सीन करना सिर्फ एक्टिंग है? सेक्सी दिखना भी एक्टिंग की मांग करता है. मैं फिल्म में मिस नथिंग का किरदार नहीं निभा रही थी. गर्ल-नेक्स्ट-डोर का मेरा किरदार फिल्म के हर गाने से बदल जाता है, जिसे क्रिटिक्स नहीं समझ पाए.”
एक अच्छा शब्द नहीं लिखा गया
उर्मिला मातोंडकर ने अफसोस जताया कि फिल्म की सफलता के बावजूद, उनके बारे में एक भी ‘सभ्य शब्द’ नहीं लिखा गया. उनके ‘कपड़ों से लेकर उनके बालों’ तक, हर चीज की तारीफ की गई, लेकिन उनके परफॉरमेंस की नहीं.
Also Read: नीता अंबानी के सामने ‘गरीबों वाले जोक्स’ सुनाकर नर्वस हो गये थे कपिल शर्मा, हरभजन सिंह से लिया था बदला!
लता मंगेशकर का गाना अपनेआप में जीत
उर्मिला ने आगे कहा, “जिन लड़कियों ने 13 फ्लॉप फिल्में दीं, जिन लड़कियों के बारे में कहा जाता था कि वे ‘लड़कों’ की तरह दिखती हैं, उनके बारे में कुछ भी नहीं है, हीरो के साथ डबल मीनिंग गाने करने वाली लड़कियों को कलाकार माना जाता था. लेकिन मेरे लिए कैमरे के सामने रहना एक आध्यात्मिक अनुभव था. मेरे लिए आशा भोंसले और लता मंगेशकर का गाना अपने आप में एक जीत थी. मुझे पुरस्कारों की आवश्यकता नहीं थी.”