UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होगा. इस चरण में हाथरस में भी वोट डाले जाएंगे. हाथरस सुरक्षित सीट पर पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हरीशंकर माहौर को जीत मिली थी. इससे पहले, इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी का दबदबा रहा.
हाथरस जिले का गठन मायावती सरकार में तीन मई 1997 को हुआ. इस जिले में तीन विधानसभा सीटें हैं- हाथरस, सादाबाद और सिकंदराराऊ. इसमें से हाथरस सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर बसपा का दबदबा रहा है. साल 1996 से लेकर 2012 तक इस सीट पर बसपा का कब्जा रहा. बसपा के दिग्गज नेता रामवीर उपाध्याय तीन बार लगातार विधायक निर्वाचित हुए हैं.
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2012 में परिसीमन के बाद सासनी विधानसभा के विधायक गेंदालाल चौधरी को इस सीट से प्रत्याशी बनाया गया. गेंदालाल ने भी मायावती को निराश नहीं किया. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी राजेश दिवाकर को 9 हजार 128 मतों से हराया.
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बीजेपी ने हार से सबक लेते हुए 2017 में सासनी से तीन बार विधायक रहे हरीशंकर माहौर को हाथरस सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया. हरीशंकर माहौल ने पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए बसपा प्रत्याशी बृजमोहन राही को 70 हजार 661 मतों के बड़े अंतर से हराया.
मौजूदा समय में हाथरस सुरक्षित सीट से हरी शंकर माहौर (भाजपा), सिकंदराराऊ से वीरेंद्र सिंह राणा (भाजपा), सादाबाद से रामवीर उपाध्याय (बसपा) विधायक हैं.
हाथरस जिले में कुल 11.65 लाख मतदाता हैं. जिले में वर्तमान में हाथरस विधानसभा क्षेत्र में 415312 वोटर्स, सादाबाद विधानसभा क्षेत्र में 373235 वोटर्स और सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र में 376798 मतदाता हैं.
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2017 के विधानसभा चुनाव में जनपद हाथरस की दो विधानसभाओं से भाजपा प्रत्याशियों ने भारी जीत दर्ज की थी. जबकि एक सीट बसपा को मिली थी. 2022 के चुनाव में हाथरस की स्थिति यही रहने की संभावना है. भाजपा को तीनों सीट मिलने की संभावना नहीं है. एक सीट इस बार बसपा या सपा के खाते में जा सकती है.
Posted By: Achyut Kumar