किस्सा नेताजी का: यूपी के पहले सीएम ने बरेली से शुरू किया था सियासी सफर, बाद में देश के गृह मंत्री भी बने

स्वतंत्रता सेनानी से राजनेता बने गोविंद बल्लभ पंत ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद 1957 में गृह मंत्री की शपथ ली. उन्होंने भारत को भाषा के अनुसार विभक्त करने का कार्य किया. इसके साथ ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2021 4:32 PM

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के पहले और देश के चौथे मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बरेली से की थी. उनका बरेली से लगाव कम था, लेकिन कांग्रेस ने देश के पहले विधानसभा चुनाव-1951 में बरेली शहर सीट से चुनाव लड़ने भेज दिया. वह शहर सीट से चुनाव लड़े और विजयी हुए. इसके बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गोविंद बल्लभ पंत को यूपी का पहला मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी. इस तरह वह यूपी के पहले और देश के चौथे मुख्यमंत्री बन गए.

इसके बाद शहर सीट से कांग्रेस के जगदीश सरन अग्रवाल ने वर्ष 1957, 62 और 67 में जीत दर्ज की. मगर, 1974 में बीकेडी के राम सिंह ने जगदीश सरन को हरा दिया. हालांकि, यह सीट 1985 से भाजपा के पास है.

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स्वतंत्रता सेनानी से राजनेता बने गोविंद बल्लभ पंत ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद 1957 में गृह मंत्री की शपथ ली. उन्होंने भारत को भाषा के अनुसार विभक्त करने का कार्य किया. इसके साथ ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया.

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गांधी जी के थे सहयोगी गोविंद बल्लभ पंत

गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते थे. वर्ष 1921 में उन्होंने असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया. इसके बाद 9 अगस्त 1925 को काकोरी कांड में क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाना लूट लिया, जिस पर उन्हें जेल में डाल दिया गया. उनका मुकदमा भी पंडित मदन मोहन मालवीय के साथ गोविंद बल्लभ पंत ने लड़ा था. मदन मोहन मालवीय के साथ वायसराय को पत्र लिखने में भी उनका खास समर्थन था.

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्म, इलाहाबाद में परवरिश

यूपी के पहले सीएम गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 1 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. पिता की बचपन में मृत्यु हो गई. वह नाना बद्रीदत्त जोशी के साथ इलाहाबाद चले गए. यहीं पर पढ़ाई की. वह कांग्रेस के स्वयंसेवक का कार्य करते थे. उन्होंने 1907 में बीए और 1909 में कानून की डिग्री हासिल की.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद, बरेली

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