Kanpur News: आजादी के समय देश को छोड़कर पाकिस्तान गए लोगों के नाम आज भी अकबरपुर तहसील के बारा गांव के भूलेख रिकार्ड में दर्ज है. बता दें की भूलेख में पाकिस्तान में रह रहे लोगो के नाम जमीन दर्ज होने का मामला जब डीएम के संज्ञान में आया तब उन्होंने दर्ज जमीन का आदेश पर अब तहसील प्रशासन को दिया. बता दें की तहसील प्रशासन पाकिस्तानियों के नाम दर्ज जमीनों का ब्योरा तैयार करा रहा है. इसके बाद शत्रु संपत्ति के तहत कार्रवाई की जाएगी.
क्या है पूरा मामला
कानपुर देहात के अकबरपुर तहसील में कानपुर इटावा हाईवे किनारे बारा गांव स्थित है. आजादी के बाद देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान बना तो यहां के लोग वहां रहने चले गए.लेकिन उनकी जमीनें आज भी यहां पर हैं. कई वर्षों तक यह जमीनें खाली रहीं, लेकिन आबादी बढ़ने पर कुछ लोगों ने यहां कब्जा करना शुरू कर दिया. वही गांव में रहने वाले बुजुर्गों का कहना है कि बारा गांव की इंतखाब खतौनी में पाकिस्तान निवासी शराफत खां, जमील खां, असलम, नियाज अहमद, मोहम्मद अहमद व खालिद अहमद खां के नाम जमीनें दर्ज हैं. जमीन में नाम तो दर्ज है लेकिन वह यहां पर कभी वापस नहीं आए.
अधिकरियों का क्या कहना
वही इस संबंध में कानपुर देहात की डीएम नेहा जैन ने बताया, ‘शत्रु संपत्ति से संबंधित बहुत से क़ानून हैं, इनका विधिवत परीक्षण होता है.’ उन्होंने कहा, ‘संज्ञान में आया है कि इस गांव में कुछ खतौनियां ऐसी हैं, जिनमें प्रतीत हो रहा है कि काश्तकारों के नाम के आगे पाकिस्तान भी लिखा है. इसमें हम लोग लेखपाल से विधिवत परीक्षण कराएंगे.