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Aligarh News: हिस्ट्रीशीटर नौशे व चंदा हत्याकांड में 5 को फांसी, एक को आजीवन कारावास

Aligarh News: 24 जुलाई 2015 को हिस्ट्रीशीटर नौशे व चंदा की हत्या कर ईट व पत्थरों से उन्हें कुचल दिया गया था. मामले में 7 साल बाद एडीजे तृतीय राजेश भारद्वाज की कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा और एक दोषी को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2022 5:54 PM

Aligarh News: सात साल पहले अलीगढ़ के हिस्ट्रीशीटर नौशे व चंदा की हत्या कर दी गई थी. नौशे व चंदा के हत्याकांड में एडीजे तृतीय की अदालत ने 5 दोषियों को फांसी की सजा और एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

नौशे-चंदा हत्याकांड में 5 को फांसी, एक को आजीवन कारावास… 24 जुलाई 2015 को हिस्ट्रीशीटर नौशे व चंदा की हत्या कर ईट व पत्थरों से उन्हें कुचल दिया गया था. मामले में 7 साल बाद एडीजे तृतीय राजेश भारद्वाज की कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा और एक दोषी को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया. हत्याकांड में पैरवी करने वालें वकीलों ने सक्रियता दिखाते हुए अपराधियों को सजा दिलाई.

इन्हें हुई फांसी और उम्र कैद… हिस्ट्रीशीटर नौशे व चंदा हत्याकांड के मामले में शाहजमाल देहली गेट निवासी एहसान पुत्र सुलेमान, मामूद नगर देहली गेट निवासी आसिफ ठाकुर पुत्र बाबू खान, कपिल पुत्र मुर्सलीन, मामूद नगर निवासी वकील पुत्र जहीर, भूरा पुत्र नूर मोहम्मद को फांसी की सुनाई गई. हत्याकांड के मास्टरमाइंड हमदर्द नगर निवासी अधिवक्ता गयासुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

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मरने वाले और मारने वाले दोनों अपराधी… हत्याकांड में मारे गए नौशे पर हत्या लूट जानलेवा हमले के 10 मुकदमे दिल्ली गेट थाने में दर्ज थे. चंदा पर सासनी गेट थाने में 17 मुकदमे चल रहे हैं. हत्याकांड में दोषी वकील कपिल भूरा पर भी डकैती हत्या और लूट के मुकदमे दर्ज हैं.

ऐसे हुई थी नौशे व चंदा की हत्या… 24 जुलाई 2015 को आधी रात के बाद दिल्ली गेट के लाल मस्जिद खेर रोड निवासी नौशे पुत्र मुन्ने खां और शाह जमाल निवासी चंदा उर्फ आसिफ पुत्र रईस दोस्त थे. नौशे प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था. दोनों हिस्ट्रीशीटर थे. नौशे के पुत्र राजा द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट के अनुसार वह घर की चाबी लेने के लिए नौशे को तलाश करते हुए शाहिद पुलिस वालों के मकान के पास पहुंचे, तो देखा कि नौशे व चंदा को आसिफ ठाकुर, कफील, वकील, भूरा घेरे हुए थे. पिस्टल व तमंचा से फायर कर रहे थे. गोली लगने से नौशे व चंदा दोनों गिर पड़े. इसके बाद उन्हें ईंट, पत्थरों से कुचला गया. नौशे का वकील गयासुद्दीन से जमीनी विवाद था, इस कारण सुपारी देकर नौशे व चंदा की हत्या कराई गई.

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