प्रयागराज का करोड़पति स्वीपर! मांग कर चलाता था काम, बैंक में 70 लाख रुपये…जानिए पूरी कहानी
Prayagraj News: धीरज के पिता सुरेश चंद्र जिला कुष्ठ रोग विभाग में स्वीपर के पद पर कार्यरत थे. नौकरी के दौरान पिता की मौत के बाद दिसंबर, 2012 में धीरज को अनुकंपा पर नियुक्ति मिल गई. तभी से वह लगातार काम कर रहा है.
Prayagraj News: लोगों को कभी कपड़ों से जज नहीं करना चाहिए.यह बात प्रयागराज के सीएमओ आफिस के कुष्ठ रोग विभाग में काम करने वाले स्वीपर को देखकर सही साबित होती है. साल 2012 से जिले के कुष्ठ रोग विभाग में तैनात धीरज के अकाउंट में कुल 70 लाख रुपए है. अस्पताल के कर्मचारी भी उसे करोड़पति स्वीपर कह कर बुलाते हैं.
पिता की मौत के बाद अनुकंपा पर मिली नियुक्ति
धीरज के पिता सुरेश चंद्र जिला कुष्ठ रोग विभाग में स्वीपर के पद पर कार्यरत थे. नौकरी के दौरान पिता की मौत के बाद दिसंबर, 2012 में धीरज को अनुकंपा पर नियुक्ति मिल गई. तभी से वह लगातार काम कर रहा है. धीरज अभी भी अपने अकाउंट से पैसे नहीं निकालता न ही उसके पिता पैसे निकालते थे. स्वीपर कम चौकीदार के पद पर तैनात धीरज के बारे में विभागीय लोग बताते है की वह लोगों के पैसे मांग कर अपना काम चलाता है. उसकी मां को भी पेंशन मिलती है. वह टेक्स भी जमा करता है.
जानकारी के मुताबिक धीरज को कोई शौक नहीं है. इसके साथ ही वह शादी भी नहीं करना चाहता. उसे डर हैं कि अगर वह शादी करेगा तो उसके सारे पैसे खर्च हो जायेंगे. वह टीबी सप्रू अस्पताल में अपनी मां और एक बहन के साथ रहता है. विभागीय लोगों का कहना है कि वह अपना काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से करता है. यहां तक कि रविवार को भी काम पर आ जाता है. वहीं अगर कोई उसकी फोटो खिंचाने का प्रयास करें तो वह नाराज हो जाता है. किसी को अपनी फोटो खिंचाने नहीं देना चाहता.
बैंक वाले भी समझ बैठे थे भिखारी
वहीं विभाग के लोगों ने बताया कि कुछ साल पहले धीरज बैंक गया था. उसने बैंक कर्मियों को अपना अकाउंट नंबर बताया, तो वह उसे पहले मानसिक रूप से कमजोर और भिखारी समझे, लेकिन जब उसके बताए अकाउंट नंबर को चेक किया तो उसमे 50 लाख रुपए थे. इसके बाद बैंक कर्मी हैरान रह गए. वहीं, 2 दिन पूर्व बैंक कर्मी एक बार फिर धीरज को ढूंढते हुए कुष्ठ रोग जिला अस्पताल पहुंचे और उसे बताया कि उसके अकाउंट में 70 लाख रुपय हो गए हैं. इसके साथ ही उसे कुछ रुपए निकालने की गुजारिश करने लगे. लेकिन धीरज ने पैसे निकालने से साफ इनकार कर दिया.