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UP Chunav 2022: बरेली शहर में SP-BSP को कभी नहीं मिली जीत, नवाबगंज में भी मायावती को मिली सिर्फ निराशा

UP Chunav 2022: बरेली शहर सीट पर आज तक कभी सपा और बसपा को जीत नहीं मिली है. नवाबगंज में भी बसपा का अब तक नहीं खाता नहीं खुला है.

UP Assembly Election 2022, Second Phase Voting On Feb 14: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं. मगर, 29 साल बाद भी समाजवादी पार्टी (सपा) शहर विधानसभा सीट पर जीत का स्वाद नहीं चख सकी है. इस सीट पर 1985 से लगातार भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है.

भाजपा के डॉ. दिनेश जौहरी ने लगायी हैट्रिक

शहर सीट पर डॉ. दिनेश जौहरी ने 1985 में कांग्रेस के राम सिंह खन्ना को हराकर भाजपा के खाते में डाली थी. डॉ. दिनेश जौहरी ने 1985, 1989 और 1991 में हैट्रिक बनाई. इसके बाद पूर्व मंत्री राजेश अग्रवाल ने 1993, 1996, 2002 और 2007 में लगातार चार बार जीत दर्ज की. 2008 में परिसीमन के बाद राजेश अग्रवाल कैंट विधानसभा में चुनाव लड़ने चले गए. वह 2012 और 2017 में कैंट से विधायक चुने गए. मगर, शहर विधानसभा सीट पर डॉक्टर अरुण कुमार सक्सेना ने 2012 और 2017 में जीत का सिलसिला कायम रखा. इस सीट से बसपा भी कभी नहीं जीत पाई है. मगर, इस बार सपा ने नगर निगम पार्षद दल के राजेश अग्रवाल को टिकट दिया है.

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सपा ने 1993 में जीती 7 सीटें

सपा ने 1993 में बरेली की 9 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन शहर और नवाबगंज नहीं जीत पाए थे. 1996 में साइकिल नवाबगंज में जमकर दौड़ी. सपा ने जीत दर्ज की थी. मगर, शहर अब तक नहीं जीत पाए हैं. 2007 में बसपा ने आंवला, बरेली कैंट, भोजीपुरा और फरीदपुर विधानसभा में जीत दर्ज की. इसके बाद 2012 में मीरगंज और बिथरी में भी जीत दर्ज की.

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नवाबगंज में कभी नहीं जीती बसपा

बहेड़ी में 2002 उपचुनाव में सपा ने जीत दर्ज की थी, लेकिन नवाबगंज विधानसभा में बसपा का हाथी कभी नहीं दौड़ पाया. 2017 के चुनाव में यहां की सभी सीट भाजपा के खाते में चली गई थी. मगर, इस बार भी बसपा ने सोशल इंजीनियरिंग को अपनाते हुए सभी नौ सीट पर प्रत्याशियों को उतारा है. मगर, बिथरी चैनपुर विधानसभा को छोड़कर कोई भी प्रत्याशी दमदार तरीके से चुनाव लड़ता नहीं नजर आ रहा है.

शहर और नवाबगंज में बसपा को कभी नहीं मिली जीत

बसपा शहर और नवाबगंज सीट पर कभी भी परचम नहीं पहरा पाई है, लेकिन यहां इस बार भी प्रत्याशी हवा में ही चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं, जबकि सपा 29 साल बाद शहर विधानसभा सीट पर बहुत मजबूती से चुनाव लड़ रही है. सपा ने यहां से नगर निगम पार्षद दल के नेता राजेश अग्रवाल को टिकट दिया है.

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शहर सीट पर किसान आंदोलन का पड़ेगा असर

भाजपा के विधायक डॉ. अरुण कुमार सक्सेना को एक बार और जीत दिलाने के लिए पार्टी काफी कोशिश कर रही है. मगर, शहर सीट पर सिख मतदाता भी निर्णायक भूमिका में है, जो किसान आंदोलन के बाद भाजपा से नाराज दिखाई पड़ रहे हैं. अगर, यह सपा को वोट करते हैं, तो सपा जीतकर रिकार्ड कायम करेगी. मगर, भाजपा सिखों को नाराजगी खत्म कर सीट पर कब्जा कायम करने की कोशिश में है.डॉक्टर अरुण कुमार सक्सेना जीतते हैं, तो उनकी हैट्रिक लगाएंगे.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद, बरेली

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