Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा लगातार बना हुआ है. जमीन धंसने से क्षतिग्रस्त दो होटलों को गिराए जाने के बाद अब चमोली जिला प्रशासन ने मनोहर बाग वार्ड में दो और सुनील में एक आवासीय ढांचों को तोड़ने के लिए आदेश जारी कर दिया है. इस बीच, एसडीआरएफ (SDRF) ने शुक्रवार को मनोहर बाग में ध्वस्त किए जाने वाले दो घरों में से एक को यांत्रिक तरीके से तोड़ना शुरू कर दिया.
एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर हरक सिंह राणा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह को पहले ही बुलडोजर से गिरा दिया गया है. हालांकि, बर्फबारी के कारण शहर भर में विखंडन का काम रोकना पड़ा और स्थिति में सुधार होने पर इसे फिर से शुरू किया जाएगा. जोशीमठ-औली रोपवे के पास स्थित होटल स्नो क्रेस्ट और कामेट को 15 जनवरी को असुरक्षित घोषित कर दिया गया था, क्योंकि उनकी दीवारों में दरारें आ गई थीं. इससे पहले, 12 जनवरी को जिला प्रशासन ने होटल मलारी इन को गिराने की प्रक्रिया शुरू की और अगले दिन बगल के क्षतिग्रस्त माउंट व्यू को गिराना शुरू किया.
इस बीच, गुरुवार को जेपी कॉलोनी के पास एक दीवार से निकलने वाला पानी एक दिन पहले के 100 एलपीएम से बढ़कर 150 एलपीएम हो गया. स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि दरारें चौड़ी होने के लिए जलभृत का फटना जिम्मेदार है. जिले के एक अधिकारी के अनुसार, 2 और 3 जनवरी की दरम्यानी रात जेपी कॉलोनी के पास से पानी निकलना शुरू हो गया था, जब कई निवासियों ने अपने घरों में दरारें चौड़ी होने की सूचना दी थी. श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को जोशीमठ संकट पर मुख्यमंत्री के विशेष प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया है. अजय को स्थानीय प्रशासन और सरकार के बीच समन्वय स्थापित कर समय-समय पर जमीनी सर्वेक्षण करने और मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय को जोशीमठ की स्थिति से अवगत कराने को कहा गया है. अजय ने शुक्रवार को सीएम कैंप कार्यालय में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और जोशीमठ में प्रभावित लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपये का चेक सौंपा. गुरुवार तक 849 घरों में दरारें आ गई हैं, जिनमें से 181 डेंजर जोन में हैं. चमोली प्रशासन ने बताया कि 259 परिवारों के 867 लोगों को उनके असुरक्षित घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.