Uttarakhand Glacier Burst, Ramgarh News, गोला (सुरेंद्र कुमार/राजकुमार) : उत्तराखंड के चमोली में जल प्रलय की घटना में लापता हुए गोला प्रखंड के सरलाखुर्द निवासी मदन महतो का शनिवार को गोमती नदी के किनारे श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया. परिजनों ने चमोली से लायी गयी मिट्टी से मदन महतो की मूर्ति बनायी थी. इसके बाद शव यात्रा निकाली गयी. जहां हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया. मुखाग्नि मृतक के बड़ा पुत्र सकेंद्र महतो ने दिया. यह दृश्य देख लोगों की आंखों से आंसू छलक आये. परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार की जानकारी देने के बावजूद किसी अधिकारी ने इनकी सुध नहीं ली.
उधर जब शव यात्रा निकली, तब परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे. वहीं पूरे गांव में माहौल गमगीन हो गया था. लोगों ने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि परिजन इसके पार्थिव शरीर को भी नहीं देख पाये. ग्रामीणों द्वारा अंतिम संस्कार की सूचना अधिकारियों को दी गयी, लेकिन कोई भी अधिकारी यहां नहीं पहुंचे. परिजनों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर परिवार के सदस्य चमोली गये थे. घटनास्थल से ही मिट्टी लायी गयी थी. इनका कहना था कि मदन महतो मिट्टी में दफन हो गये हैं. इसलिए गांव में भी इनका दाह संस्कार किया गया.
मृतक मदन महतो अपने पीछे पत्नी टुनूबाला देवी, बेटा सकेंद्र महतो, देवेंद्र महतो व पुत्री निशा कुमारी को छोड़ गये. वे घर के इकलौता कमाऊ व्यक्ति थे. मृतक का ममेरा भाई देवलाल महतो ने बताया कि इसकी सूचना विधायक, बीडीओ व श्रम अधीक्षक को दी गयी, लेकिन अब तक कोई सहायता नहीं मिली. आठ मार्च को दशकर्म, नौ मार्च को ब्राह्मण एवं कुटुंब भोज किया जायेगा.
लापता मजदूर चोकाद निवासी मिथलेश महतो एवं बिरसाय महतो का अंतिम संस्कार रविवार को गांव की गोमती नदी स्थित श्मशान घाट पर किया जायेगा. इसकी जानकारी मिथलेश महतो के भाई प्रेमचंद महतो ने दी. उन्होंने बताया कि घटनास्थल से मिट्टी लाये हैं. इसी मिट्टी से मूर्ति बना कर अंतिम संस्कार किया जायेगा. श्रम अधीक्षक दिगंबर महतो ने कहा कि अंतिम संस्कार करना परिवार का दायित्व है. इसमें प्रशासन की कोई भूमिका नहीं है.
Posted By : Guru Swarup Mishra