Uttarkashi Tunnel Collapse: सिल्कयारा सुरंग में बचाव अभियान में बाधाएं आने के बाद यहां अधिकारियों ने उसमें फंसे हुए 41 श्रमिकों को तनाव कम करने के लिए मोबाइल फोन और बोर्ड गेम दिए हैं.सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ‘ड्रिल’ करने के दौरान ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंसने से काम बाधित होने के बाद दूसरे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है जिससे मजदूरों को सुरंग से निकालने में कई और हफ्ते लग सकते हैं. एक अधिकारी ने बताया कि मजदूरों को मोबाइल फोन इसलिए दिए गए हैं ताकि श्रमिक वीडियो गेम खेल सकें. उन्हें लूडो और सांप-सीढ़ी जैसे बोर्ड गेम भी उपलब्ध कराए गए हैं. उन्होंने बताया कि श्रमिकों को ताश के पत्ते नहीं दिए गए.अधिकारियों का कहना है कि ये खेल उनका तनाव दूर करने में मदद करेंगे.
फंसे हुए श्रमिकों के लिए लैंडलाइन सुविधा
उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को उनके परिवार के सदस्यों से जोड़े रखने के लिए एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई है. अधिकारियों ने बताया कि बीएसएनएल ने यह सुविधा स्थापित की है. अधिकारियों ने कहा कि आंशिक रूप से ढही सुरंग के अंदर पिछले 13 दिन से फंसे श्रमिकों को एक फोन दिया जाएगा. बीएसएनएल के उप महाप्रबंधक राकेश चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि हमने एक टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किया है. हम उन्हें भोजन भेजने के लिए इस्तेमाल होने वाले पाइप के माध्यम से लाइन से जुड़ा एक फोन देंगे. इस फोन में इनकमिंग और आउटगोइंग सुविधाएं होंगी. वे अपने परिवार से बात कर सकते हैं.
पीएम मोदी और सीएम धामी लगातार ले रहे हैं अपडेट
इधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राज्य में शुरू किए गए बचाव अभियान के बारे में हर रोज अपडेट ले रहे हैं. गढ़वाल हितैषिणी सभा की ओर से जारी एक बयान में धामी के हवाले से यह जानकारी दी गई है. धामी ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में कहा पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य सरकार सभी फंसे श्रमिकों को सुरक्षित ढंग से सुरंग से निकालने के लिए संयुक्त रूप से काम कर रही है. धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बचाव अभियान के बारे में प्रतिदिन जानकारी ले रहे हैं.
गौरतलब है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे. तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं. वहीं, सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ड्रिल करने में उपयोग होने वाली ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंसने से काम बाधित होने के बाद दूसरे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इस बीच आज यानी शनिवार को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने उम्मीद जताई कि बीते 13 दिन से फंसे 41 मजदूर आने वाले क्रिसमस तक बाहर आ जाएंगे.
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