गोपेश्वर (उत्तराखंड) : चमोली जिले से लगा चीन का सीमा क्षेत्र इन दिनों बर्फ से ढका हुआ है. नीती और माणा घाटी में चारों ओर बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है. नीती घाटी में मलारी से आगे सड़क से लेकर गांव भी बर्फ के आगोश में हैं. चीन का सीमा क्षेत्र होने के कारण नीती घाटी में मलारी से आगे सेना और आईटीबीपी तैनात रहती है लेकिन चारों ओर से बर्फ जमी होने के कारण जवानों को भी बर्फ में पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है.
जान जोखिम में डालकर वह सीमा पर कड़ी निगरानी कर रहे हैं. सेना के वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से सीमा क्षेत्र में 12 जेसीबी लगाई गई हैं. रास्तों से बर्फ हटाने का काम तेजी से चल रहा है.
बर्फबारी से हाल यह हुआ है कि पूरी घाटी बर्फ की सफेद चादर से ढकी नजर आ रही है. घाटी का अंतिम गांव नीती भी इन दिनों बर्फ से ढका हुआ है. शीतकाल में यहां रहने वाले भोटिया जनजाति के ग्रामीण जिले के निचले क्षेत्रों में रहते हैं. अप्रैल माह से ग्रामीण अपने पैतृक गांवों में लौट जाएंगे, यदि मौसम का मिजाज बिगड़ा और बर्फ पड़ी तो ग्रामीणों को भी अपने पैतृक गांव लौटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
वहीं बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि नीती घाटी में मलारी से आगे हाईवे को रिमखिम तक खोल दिया गया है, लेकिन क्षेत्र में पल-पल मौसम बिगड़ रहा है, जिससे दोबारा हाईवे पर बर्फ जम रही है. नीती गांव को जोड़ने वाली सड़क से भी बर्फ हटाई जा रही है। बावजूद इसके सेना के जवान लगातार निगरानी कर रहे हैं.
Posted By : Amitabh Kumar