उत्तरकाशी सुरंग हादसा : सुरंग का हिस्सा ढहा, बंगाल के 3 मजदूरों सहित 36 अंदर फंसे,धामी ने किया स्थलीय निरीक्षण
सुरंग के हिस्से के ढहने से उसके अंदर फंस गए सभी 40 श्रमिक सुरक्षित हैं और उनसे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गयी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों का निरीक्षण किया .
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के रविवार सुबह अचानक ढहने से उसमें 36 श्रमिक फंस गये. फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत कार्य चलाया जा रहा है. सुरंग में फंसे मजदूरों में तीन पश्चिम बंगाल के हैं. उधर, सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच बन रही सुरंग का निर्माण कर रही एजेंसी ने कहा कि इस बात के संकेत मिले हैं कि अंदर फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं. नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक राजेश पंवार ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों ने पाइप से पानी बाहर गिराया है, जिससे संकेत मिला है कि वे सभी सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि (कीचड़ वाला मलबा) निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है. हमें लग रहा है कि अब हम ज्यादा दूर नहीं है.
बचावकर्मियों ने फंसे हुए श्रमिकों से संपर्क स्थापित किया
रातभर मलबा हटाने के काम में जुटे रहे और आखिरकार उन्हें उनसे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गयी. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे इन श्रमिकों तक अब भोजन-पानी पहुंचाया जा रहा है. सिलक्यारा में बनाए गए पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, वॉकी-टॉकी के जरिए सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क हुआ और सभी श्रमिक सुरक्षित हैं. नियंत्रण कक्ष के अनुसार, अंदर फंसे लोगों द्वारा खाने की मांग की गई है और उन्हें पाइप के जरिए भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं. श्रमिक फिलहाल 60 मीटर की दूरी पर हैं.
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दुर्घटनास्थल पर पाइप के जरिये हो रहा है संदेशों का आदान-प्रदान
सुरंग में पानी के लिए बिछाई गई पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर की मदद से दबाव बनाकर श्रमिकों तक भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं. यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है.इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से संपर्क स्थापित किया जा रहा है. सुरंग में फंसे मजदूरों तक संदेश भेजने के लिए पहले कागज पर संदेश लिखी पर्ची पाइपलाइन के जरिए भेजी गई थी. अब दुर्घटनास्थल पर पाइप के जरिये संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है.
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तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मचारी मलबा हटाने और सुरंग खोलने के काम में जुटे
उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए खुदाई करने वाली बड़ी मशीनों की मदद से पानी युक्त मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है. पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मचारी मलबा हटाने और सुरंग खोलने के काम में जुटे हुए हैं.
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राहत और बचाव अभियान जारी
राहत और बचाव अभियान लगातार 24 घंटे चलाया जा रहा है. रविवार रात की पाली में काम की निगरानी कर रहे जल संस्थान के प्रभारी अधिशासी अभियंता दिवाकर डंगवाल ने तड़के सुरंग से बाहर आने पर बताया कि मलबा तेजी से हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फंसे मजदूरों तक संपर्क स्थापित करने और उन तक भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की कवायद रात में कई बार की गई. उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह गया था जिससे उसमें 40 श्रमिक फंस गए थे.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल पर पहुंचे
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर फंस गए सभी 40 श्रमिक सुरक्षित हैं और उनसे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गयी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों का निरीक्षण किया .