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Uttarkashi Tunnel Rescue: अर्नोल्ड डिक्स समेत कई एक्सपर्ट ने 41 मजदूरों की जान बचाने में निभाई अहम भूमिका

उत्तरकाशी सुरंग बचाव एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के एमडी अक्षत कात्याल ने कहा कि पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से टनल के अंदर धकेला गया है. उन्होंने कहा कि एक सफलता हासिल की गई है और पाइप गुजर गया है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो गया है.

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी सुरंग हादसे के 17वें दिन मजदूरों के रेस्क्यू का रास्ता साफ हो गया है. 16 दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ रहे मजदूर आज टनल की अंधेरी कोठरी से किसी भी समय बाहर आ सकते हैं. सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को हादसे के 17वें दिन यानी 28 नवंबर को सुरंग से सकुशल बाहर निकालने की पूरी व्यवस्था कर ली गई है. आज रेस्क्यू टीम सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंची और टनल में पाइप डालने का काम पूरा हुआ. टेक्निकल एक्सपर्ट, और कई टीमों के दिन रात अथक प्रयास के मजदूरों के टनल से बाहर निकलने का रास्ता तय हो सका. रेस्क्यू के लिए एक्सपर्ट की टीम ने पाइप को मीटर दर मीटर धकेलते हुए मजदूरों तक पहुंचाया है. अब उसी पाइप के जरिये मजदूरों को एक-एक कर बाहर निकाला जाएगा.

मजदूरों तक पहुंचाई गई पाइप

इधर, उत्तरकाशी सुरंग बचाव एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के एमडी अक्षत कात्याल ने कहा कि पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से टनल के अंदर धकेला गया है. उन्होंने कहा कि एक सफलता हासिल की गई है और पाइप गुजर गया है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो गया है. कम से कम 3 लोग हैं. उन्होंने कहा कि चार चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाएगा. अक्षत ने कहा कि एनडीआरएफ की टीमें टनल के अंदर घुस चुकी हैं. रैंप बनते ही मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा. ताजा जानकारी के मुताबिक मजदूरों को एक-एक करके सुरंग से बाहर निकाला जाएगा. पांच से सात मिनट के अंतराल में मजदूरों को निकाला जाएगा.

सुरंग में फंसे मजदूरों के सफल रेस्क्यू के लिए ओएनजीसी, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, एनएचआईडीसीएल और टीएचडीसीएल  समेत कई और टीमों ने रात दिन एक कर रेस्क्यू के लिए काम किया है. इसके अलावा कई एक्सपर्ट को भी रेस्क्यू में शामिल किया गया है. इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के ऑस्ट्रेलिया स्थित अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स को भी उत्तराखंड बुलाया गया. उन्हीं की देखरेख में पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. डिक्स 20 नवंबर को उत्तरकाशी स्थित घटनास्थल पहुंचे थे.

कौन हैं प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स
बता में टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स की अहम भूमिका रही है. वे भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे के विशेषज्ञ माने जाते हैं. डिक्स दुनिया के जाने माने सुरंग विशेषज्ञ है. उन्हें इंजीनियरिंग, भूविज्ञान, कानून और जोखिम प्रबंधन मामलों में तीन दशकों से ज्यादा का अनुभव है. अमेरिका समेत कई देशों के उन्हें अपने काम के लिए सम्मान भी मिल चुका है. प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे में जाने माने विशेषज्ञ हैं. निर्माण के दौरान आने वाले जोखिमों से लेकर परिचालन से जुड़ी सुरक्षा तक, कई तकनीकी मुद्दों में वह विशेषज्ञ है. इसके अलावा प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स एक बैरिस्टर और वैज्ञानिक भी हैं, जिन्हें अंडरग्राउंड में विशेषज्ञता हासिल है.

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