Vaishakha amavasya surya grahan 2023: 20 अप्रैल दिन गुरुवार को वैशाख मास की अमावस्या है. इस बार इसी दिन 2023 का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा. हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक नहीं लगेगा. इसलिए वैशाख अमावस्या से जुड़े सभी शुभ कार्य पूरे दिन किए जा सकते हैं. अमावस्या पितरों के लिए तर्पण और प्रार्थना करने के लिए अत्यंत शुभ दिन माना जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार की अमावस्या बेहद खास होती है, क्योंकि इस दिन किया गया धार्मिक कार्य अक्षय पुण्य देने वाला होता है. पितरों के निमित्त अगरबत्ती का ध्यान करने से हमारे पितरों को शांति और संतुष्टि मिलेगी. मान्यता है कि अमावस्या तिथि को कुल के कुलदेवता वायु रूप में घर के द्वार पर निवास करते हैं. इसी मान्यता के कारण अमावस्या के दिन दोपहर में पितरों के लिए सूर्य-ध्यान किया जाता है.
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अपने पितरों की शांति के लिए जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए और आवश्यक वस्तुओं जैसे जूते-चप्पल, अनाज, तेल, कपड़े, धन आदि का दान भी करना चाहिए.
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इस दिन अपने घर के बाहर पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी रखना चाहिए. घर में खाना बनाते समय पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाने की सलाह दी जाती है. यदि घर के पास तालाब हो तो मछलियों को मैदा का गोला खिलाना चाहिए.
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अमावस्या के दिन की शुरुआत सूर्य को अर्घ्य देकर करनी चाहिए. उसके लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए और जल चढ़ाते समय “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए. सूर्य को गुड़ का दान भी करना चाहिए. कहा जाता है कि अमावस्या के दिन सूर्य की पूजा करने से कुंडली के पाप ग्रहों की शांति होती है.
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इस तिथि पर चंद्रमा की विशेष पूजा भी करनी चाहिए. शिवलिंग पर स्थापित चंद्रदेव के दूध से अभिषेक करें. आप चाहें तो चंद्र देव की मूर्ति का अभिषेक भी कर सकते हैं. माला और फूलों से सजाएं और देवता को सफेद वस्त्र अर्पित करें.
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किसी मंदिर में पूजा में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे कुमकुम, गुलाल, अबीर, माला, फूल, घी, तेल, दीपक आदि भी चढ़ाना चाहिए.
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चूंकि अभी गर्मी का समय है, इसलिए सार्वजनिक स्थान पर लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करें. यदि यह संभव न हो तो इसके लिए आप जल का कलश दान कर सकते हैं.
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गौशाला में गायों को हरी घास खिलाने के साथ-साथ उनकी देखभाल के लिए पैसे भी दान कर सकते हैं.