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Vaishakh Kalashtami 2023: कालाष्टमी आज, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि जानें, न करें ये काम वरना झेलना पड़ेगा नुकसान

Vaishakh Kalashtami 2023: वैशाख की कालाष्टमी 13 अप्रैल, गुरुवार को मनाई जा रही है. ऐसी मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने वालों पर शनि और राहु के अशुभ प्रभाव नहीं पड़ते. जानें कालाष्टमी पूजा का मुहूर्त, विधि, नियम, मंत्र समेत पूरी डिटेल.

Vaishakh Kalashtami 2023: वैशाख कालाष्टमी 2023 आज 13 अप्रैल, गुरुवार को है. इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप यानी काल भैरव की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि यदि प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर काल भैरव पूजा की जाए तो शनि और राहु के अशुभ प्रभाव नहीं झेलने पड़ते. वहीं अनिष्ट करने वालों को काल भैरव का प्रकोप झेलना पड़ता है. जिस पर काल भैरव प्रसन्न हो जाएं उस मनुष्य को कभी नकारात्मक शक्तियों, ऊपरी बाधा और भूत-प्रेत जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती. जानें वैशाख कालाष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, नियम और मंत्र.

वैशाख कालाष्टमी 2023 मुहूर्त (Vaishakh Kalashtami 2023 Muhurat)

  • वैशाख कृष्ण अष्टमी तिथि शुरू – 13 अप्रैल 2023, सुबह 03.44

  • वैशाख कृष्ण अष्टमी तिथि समाप्त – 14 अप्रैल 2023, प्रात: 01.34

  • सुबह का मुहूर्त – सुबह 10.46 – दोपहर 12.22 (13 अप्रैल 2023)

  • निशिता काल मुहूर्त – 13 अप्रैल 2023, 11.59 – 14 अप्रैल 2023, प्रात: 12.44 (काल भैरव की पूजा मध्यरात्रि में करने के विधान है)

वैशाख कालाष्टमी 2023 शुभ योग (Vaishakh Kalashtami 2023 Shubh yoga)

  • शिव योग – 12 अप्रैल 2023, दोपहर 03:20 – 13 अप्रैल 2023, दोपहर 12.34 (काल भैरव को शिव का अवतार माना गया है, कालाष्टमी के दिन शिव योग का संयोग बनने से शिव साधना का पुण्य फल मिलता है).

  • सिद्ध योग – 13 अप्रैल 2023, दोपहर 12.34 – 14 अप्रैल 2023, सुबह 09.37

कालाष्टमी की पूजा विधि (Kalashtami Puja vidhi)

  • वैशाख कालाष्टमी पर शिववास रहेगा. 13 अप्रैल 2023 को सुबह से लेकर देर रात 01 बजकर 34 तक शिववास गौरी के साथ है. बता दें कि शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए शिववास जरूरी माना गया है.

  • कालाष्टमी के दिन सुबह स्नान करें उसके बाद गृहस्थ जीवन वाले शिवलिंग का नियम पूर्वक रुद्राभिषेक करें.

  • पूर्व मुखी होकर बेलपत्र में लाल चंदन से ऊं लिखकर चढ़ाएं.

  • काल भैरव के मंदिर में सरसों के तेल का दीप जलाएं

  • ॐ कालभैरवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें.

  • अब बाबा भैरव को इमरती का भोग लगाएं.

  • मान्यता है कि इस दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी और गुड़ के पुए खिलाने से काल भैरव जल्द प्रसन्न होते हैं.

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कालाष्टमी पर न करें ये गलती (Kalashtami Niyam)

  • कालाष्टमी के दिन गअहंकार से बचें.

  • बुजुर्गों का अनादर गलती से भी न करें

  • किसी भी महिला को अपशब्द न बोलें. अ

  • नैतिक कार्य करने वालों को काल भैरव का प्रकोप झेलना पड़ता है.

  • काल भैरव की पूजा कभी भी गलत उद्देश्य से या किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं करें.

  • कालाष्टमी के दिन मदिरा पान न करें.

  • मांसाहार भोजन से बचें.

  •  गृहस्थ लोग बाबा भैरव की सात्विक पूजा करें.

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