Vaishno Devi Stampede: जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई. घटना में 20 लोग भी घायल हुए हैं. नए साल पर हुए हादसे के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई. वैष्णो देवी भगदड़ में गोरखपुर के एक डॉक्टर की भी दर्दनाक मौत हो गई. अरुण प्रताप सिंह की एक दिसंबर को शादी हुई थी और महीने बाद (1 जनवरी को) मौत की खबर से मातम पसर गया. मृतक की पत्नी के हाथ की मेहंदी का रंग भी नहीं छूटा था.
गोरखपुर के चौरीचौरा के रामपुर बुजुर्ग गांव के पूर्व प्रधान सत्य प्रकाश सिंह के इकलौते बेटे डॉ. अरुण प्रताप सिंह की वैष्णो देवी भगदड़ में दर्दनाक मौत हो गई. डॉ. अरुण की शादी 1 दिसंबर 2021 को हुई थी. उनकी दुल्हन कुशीनगर जिले के पकड़ी गांव की रहने वाली अर्चना सिंह थी. एक जनवरी को अरुण की हादसे में मौत की खबर मिली. अरुण गोरखपुर के शाहपुर इलाके के जेल बाइपास रोड पर हॉस्पिटल चलाते थे. उनका आवास गोरखपुर शहर में था. जबकि, उनके माता-पिता गांव में रहते हैं.
डॉ. अरुण की मौत की खबर एक जनवरी को आई तो घर में मातम छा गया. उनके परिवार का रोकर बुरा हाल है. गांव के लोग परिवार से मिलने घर पहुंचने लगे. नए साल पर ऐसी दर्दनाक घटना से गांव में मातम पसरा हुआ है. डॉ. अरुण प्रताप सिंह के माता-पिता का भी बुरा हाल. वो दोनों बस रोए जा रहे हैं.
गोरखपुर के चौरी चौरा की बीजेपी विधायक संगीता यादव भी उनके माता-पिता और परिवार से मिलने उनके घर पहुंची. 29 दिसंबर को डॉ. अरुण प्रताप सिंह पत्नी को साथ लेकर मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकले थे. उनके साथ कुछ रिश्तेदार भी थे. डॉ. अरुण के पिता ने बताया कि बेटे-बहू ने दर्शन के लिए कटरा से चढ़ाई शुरू की. इसी बीच देर रात हादसा हुआ. जिसकी खबर उन्हें सुबह में मिली.
(रिपोर्ट:- प्रदीप तिवारी, गोरखपुर)
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