जनजातीय कल्याण मंत्रालय के अफसर बीएन प्रसाद पहुंचे वन धन विकास केंद्र, बोले-जनजातीय उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा

सरायकेला-खरसावां जिले में वन धन योजना के तहत कुचाई व नीमडीह प्रखंड में वन धन विकास केंद्र की स्थापना की गयी है. कुचाई के कुचाई वन धन विकास केंद्र में जल्द ही इमली की प्रोसेंगिक कर मूल्य वर्द्धन किया जायेगा. साथ ही जंगल के पत्ते से प्लेट का भी निर्माण कराया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2023 11:14 PM

खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश. भारत सरकार के जनजातीय कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव बीएन प्रसाद ने सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड का दौरा किया. कुचाई में वन धन विकास योजना के तहत संचालित वन धन विकास केंद्र में पहुंच कर केंद्र की गतिविधियों से अवगत हुए. इस दौरान स्वयं सहायता समूहों के साथ बैठक कर कर योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि देश के जनजातीय क्षेत्रों में ‘वन धन विकास केंद्र’ स्थापित किया जा रहा है, ताकि वन उपज के लिए प्राथमिक प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. इसमें मुख्य रूप से वन उपज का प्रसंस्करण कर वैल्यू एडिशन पर जोर दिया जा रहा है. इससे जनजातियों के लिए रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. वन धन विकास योजना के तहत जनजातीय उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. वन धन विकास केंद्रों को व्यापक आर्थिक लाभ, आजीविका और बाजार से जोड़ने के साथ-साथ जनजातीय क्षेत्र की एसएचजी की महिलाओं को उद्यमशीलता के अवसर प्रदान किया जा रहा है. केंद्र सरकार की उपक्रम ट्राईफेड जनजातीय आबादी के बीच रोजगार और आय सृजन के लिए वन धन जनजाति स्टार्ट-अप कार्यक्रम को कार्यान्वित कर रहा है.

कुचाई में इमली व नीमडीह में लाह प्रसंस्करण पर काम होगा

बताया गया कि सरायकेला-खरसावां जिले में वन धन योजना के तहत कुचाई व नीमडीह प्रखंड में वन धन विकास केंद्र की स्थापना की गयी है. कुचाई के कुचाई वन धन विकास केंद्र में जल्द ही इमली की प्रोसेंगिक कर मूल्य वर्द्धन किया जायेगा. साथ ही जंगल के पत्ते से प्लेट का भी निर्माण कराया जायेगा. फिलहाल कुचाई वन धन केंद्र से 30 एसएचजी समूहों की करीब 300 महिलायें जुड़ी हुई है. आने वाले समय में कुचाई के अरुवां व बारुहातु में भी वन धन विकास केंद्र स्थापित करने की योजना है. इसके अलावे नीमडीह प्रखंड में भी एक वन धन विकास केंद्र को स्वीकृति मिली है. नीमडीह वन धन विकास केंद्र में लाह का प्रसंस्करण पर कार्य होगा.

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आगामी कार्य योजना की गयी चर्चा

कुचाई वन धन विकास केंद्र में आयोजित बैठक में आगामी कार्य योजना पर चर्चा की गयी. भारत सरकार के जनजातीय कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव बीएन प्रसाद की उपस्थिति में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि वन उपजों का प्रसंस्करण कर गांव की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाये. कुचाई के वन धन विकास केंद्र के लिये उपयुक्त जगह का चयन होने के बाद आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जायेगा. इसके बाद महिलाओं को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा. इसमें जेएसएलपीएस भी सहयोग करेगा. बैठक में मुख्य रुप से ट्राइफेजड के दिनेश कुमार रंजन, जेएसएलपीएस के प्रबंधक (आजीविका) सुषमा बरवा, बंधन विकास केंद्र कुचाई के मारथा गागराई, कुचाई आजीविका महिला संकुल संगठन की अध्यक्षा पार्वती गागराई, जेएसएलपीएस के बीपीएम रमेश द्विवेदी आदि उपस्थित थे. इस दौरान भारत सरकार के जनजातीय कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव बीएन प्रसाद को कुचाई के वन उपज भेंट किये गये. विभिन्न गांवों से पहुंची महिलाओं ने कुचाई के जंगल में तैयार हो रहे चिरौंजी, इमली, महुआ, हल्दी आदि भेंट किया.

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