Vande Bharat Train: पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी को इस त्योहारी सीजन में दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात मिल सकती है. इस ट्रेन से वाराणसी से टाटानगर जाने-आने वालों रेल यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. वाराणसी से टाटानगर तक चलने वाली इस वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से 574 किलोमीटर की दूरी अब महज 7 घंटा 50 मिनट में पूरी होगी. इस ट्रेन की औसत स्पीड 73.3 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. रेलवे ने इस वंदे भारत एक्सप्रेस की समय सारणी को तैयार कर लिया है. फिलहाल रेलवे ने इस ट्रेन के परिचालन के लिए तारीख नहीं घोषित की है. मगर, माना जा रहा है कि दीपावली तक इस ट्रेन की शुरुआत कर दी जाएगी.
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भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार टाटा से वाराणसी के लिए वंदेभारत एक्सप्रेस सुबह 6 बजे प्रस्थान करेगी. पुरूलिया में 7.18 बजे आगमन और 7.20 प्रस्थान करेगी. इसके बाद बोकारो ये ट्रेन 8.23 बजे पहुंचेगी और 8.25 पर यहां से प्रस्थान करेगी. फिर गया 10.58 बजे ट्रेन का आगमन और 11.00 बजे प्रस्थान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर 1.07 में आगमन और 1.12 पर प्रस्थान और वाराणसी दिन के 1.50 मिनट पर पहुंचेगी. इसी प्रकार वाराणसी से दोपहर दोपहर 2.35 बजे प्रस्थान करेगी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय 3.02 में पहुंचकर 3.05 प्रस्थान, गया -5.08 आगमन और 5.10 प्रस्थान, बोकारो स्टील सिटी 7.38 आगमन और 7.40 प्रस्थान, पुरूलिया 8.32 आगमन और 8.34 प्रस्थान और रात के दस बजे टाटानगर स्टेशन पहुंचेगी.
बता दें कि झारखंड के जमशेदपुर और इसके आसपास के इलाकों में यूपी के पूर्वाचल के लोग काफी संख्या में रहते हैं. वाराणसी से टाटा नगर के बीच तीन ट्रेनों की कनेक्टविटी है. इसमें टाटा-अमृतसर जलियांवाला बाग एक्सप्रेस गुरुवार और शनिवार को वाराणसी से और सोमवार व बुधवार को टाटानगर से चलती है. शालीमार-गोरखपुर एक्सप्रेस सप्ताह में एक दिन सोमवार को टाटानगर के लिए जाती है और बुधवार को टाटानगर से चलती है. इसके अलावा पुरी-आनंद विहार नीलाचंल एक्सप्रेस मंगलवार, शुक्रवार और रविवार को वाराणसी से खुलती है.
वंदे भारत ट्रेन को इस तरह से बनाया गया है कि यह 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सके. लेकिन, अभी तक यह ट्रेन सिर्फ खास लोगों के लिए चली है. खास लोग इस मायने में कि इस ट्रेन का किराया भारतीय रेल के अन्य ट्रेनों से ज्यादा है. इसलिए आम आदमी या गरीब आदमी सिर्फ देख सकते हैं, इसमें सवारी नहीं कर सकते. लेकिन रेल मंत्रालय इसी वंदे भारत के प्लेटफार्म पर एक ऐसी ट्रेन विकसित कर रहा है, जिसमें सेकेंड क्लास और स्लीपर क्लास की सीटें होंगी. इस तरह की पहली ट्रेन रेलवे के चेन्नई स्थित इंटेग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार की जा रही है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो इस ट्रेन को इसी महीने चला दी जाएगी.
वंदे भारत ट्रेन यानी ट्रेन-18 के प्लेटफार्म पर जो आम आदमी की ट्रेन तैयार की जा रही है, वह भी रफ्तार में अभी के राजधानी एक्सप्रेस को भी मात देगी. इसकी सारी विशेषता वंदे भारत ट्रेन की ही तरह होगी. अंतर सिर्फ इतना होगा कि इसमें जनरल कोच होंगे, बिना एसी मतलब कि स्लीपर क्लास वाले स्लीपर कोच होंगे. अभी जो आईसीएफ में इसका पहला रैक बन रहा है, उसमें 22 डिब्बे बनाए जा रहे हैं. इनमें से दो डिब्बे गार्ड वाला डब्बा है, 12 स्लीपर क्लास का डिब्बा जबकि आठ सेकेंड क्लास या जनरल डिब्बे हैं.
अभी रेलवे के सामान्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में सिर्फ आगे, एक इंजन लगा होता है. लेकिन अभी जो आईसीएफ में अपग्रेडेड मेल/एक्सप्रेस का रैक तैयार किया जा रहा है, उसमें आगे और पीछे, दोनों तरफ इंजन लगे होंगे. ऐसा करने से कहीं ट्रेन के ठहरने के बाद कुछ ही मिनट में ट्रेन हाई स्पीड पकड़ लेती है. इसे रेलवे की भाषा में पुश-पुल मेथड कहा जाता है. इसके लिए विशेष तौर पर चित्तरंजन लोकोमोटिव कारखाने CLW में दो WAP5 किस्म के इंजन तैयार किए जा रहे हैं. आपको मालूम ही होगा कि वंदे भारत ट्रेन में पहले से ही इंजन की व्यवस्था होती है. उसमें अलग से इंजन नहीं लगाना होता है.
चेन्नई स्थित आईसीएफ के जीएम बीजी माल्या ने मीडिया को बताया है कि आम आदमी के इस ट्रेन पर तेजी से काम चल रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले सप्ताह तक यह ट्रेन सेट बन कर तैयार हो जाएगा. जैसे ही सीएलडब्ल्यू से दोनों इंजन मिल जाएंगे, ट्रेन की टेस्टिंग शुरू हो जाएगी. उम्मीद है कि इसी महीने के अंत तक यह ट्रेन ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाएगी. इस समय लंबी दूरी की मेल और ट्रेन को पहुंचने में काफी वक्त लगता है. माना जा रहा है कि नई, उन्नत ट्रेन सेट आने के बाद इस समय को कम किया जा सकेगा. वहीं रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यदि दिल्ली और हावड़ा के बीच ही देखें तो इस ट्रेन से यात्रा समय में दो से तीन घंटे की बचत हो सकती है.