Kanpur : देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत के असेंबल बोगी फ्रेम अब कानपुर में बनेंगे. अभी तक सिर्फ असेंबल बोगी फ्रेम का निर्माण हैदराबाद में हो रहा था. कानपुर से वंदे भारत की चार रैक तैयार कर शनिवार यानी आज चेन्नई भेजी जाएंगी. पनकी स्थित वेद सेसोमैकेनिका को 192 वंदे भारत के असेंबल बोगी फ्रेम बनाने का आर्डर दिया गया है. रेल मंत्रालय से इसका अप्रूल लेटर कानपुर की पनकी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित वेद सेसोमैकेनिका को गुरुवार की शाम को मिला है.
वेद सेसोमैकेनिका देश में वंदे भारत के असेंबल बोगी फ्रेम बनाने वाली दूसरी कंपनी बन गई है. बीएचयू और आईआईटी से पासआउट वेद सेसोमैकेनिका के प्रबंध निदेशक आरएन त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वंदे भारत ही नहीं हम मेट्रो के अत्याधुनिक कोच भी बना रहे है. वंदे भारत की चेसिस का निर्माण तो पहले से ही करते आ रहे हैं. बोगी फ्रेम में लगने वाले एक्सेल, ब्रेक सिस्टम, रबर कंपोनेंट, क्वाइल स्प्रिंग समेत ज्यादातर उत्पाद जर्मनी और पोलैंड से मंगवाए गए है.
ट्रेन की रफ्तार बोगी फ्रेम पर ही निर्भर होती है. बताया गया कि क्वालिटी में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया गया है, जर्मनी से एयर स्प्रिंग, क्वाइल स्प्रिंग मंगाई गई है. इसके लगने से बोगी में झटके नहीं लगते और यात्रा भी स्मूथली रहती है. वहीं प्रबंध निदेशक ने बताया कि वंदे भारत की असेंबल बोगी फ्रेम की चार रैक की पहली खेप शनिवार को चेन्नई के लिए रवाना की जाएगी.
कानपुर के शांति नगर स्थित बिलाबॉन्ग हाईस्कूल में पहली बार दो दिवसीय अंतर-विद्यालय राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है. यह प्रतियोगिता 8 और 9 अगस्त को होगा. स्कूल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रीति अग्रवाल ने कहा कि यह प्रतियोगिता बिलाबॉन्ग स्कूल के सहयोग से यूपी शतरंज एंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया जा रहा है.
यूपी शतरंज एवं स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सचिव एके रायजादा ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 7 से 19 वर्ष के बीच के लड़के और लड़कियां भाग ले सकते हैं. प्रतियोगिता में एंट्री के लिए गूगल फॉर्म जमा करना अनिवार्य है. वहीं, कानपुर शतरंज एसोसिएशन के सचिव दिलीप श्रीवास्तव ने कहा कि शहर के 19 वर्ष से कम के उम्र के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखलाने का यह एक सुनहरा अवसर है. उन्होंने आगे कहा कि इस प्रतियोगिता में 47 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे और प्रत्येक समूह के शीर्ष तीन विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा.
गोरखपुर से लखनऊ तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस बाड़/दीवार के पीछे चलेगी. जिससे वंदे भारत एक्सप्रेस और सुरक्षित हो जाएगी. गोरखपुर-लखनऊ मार्ग को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेनों के लिये तैयार किया जा रहा है. पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर से लखनऊ के मध्य प्रशिक्षण में रेल लाइन के किनारे सेफ्टी फेसिंग (बाड़/दीवार) लगाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. वर्तमान में गोरखपुर लखनऊ रोड पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल रही है.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कैटल रन ओवर की रोकथाम के लिए संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर बाउंड्री वॉल अथवा फेसिंग का कार्य किया जा रहा है. हाई स्पीड के लिए चिन्हित गोरखपुर से लखनऊ के मध्य पूर्व सेक्शन में सेफ्टी फेसिंग लगाए जाने का कार्य प्रस्तावित है.
रेल प्रशासन ने ट्रेन से मानव दुर्घटना और पशुओं के कटने को रोकने के लिए जगहों को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिसके बाद इन जगहों पर और बाड़/दीवार लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. आरसीसी के अलावा रेलवे के पुराने स्लीपर से रेल लाइनों के किनारे दीवार तैयार की जा रही है. बाड़/दीवार लग जाने से दुर्घटना अतिक्रमण और गाड़ियों की लेटलतीफी पर रोक लगेगी.
पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ वाराणसी और इज्जत नगर मंडल में चिन्हित 162 किलोमीटर रेल लाइन में 135 किलोमीटर रेल लाइन के किनारे बाड़/ दीवार लगा दिए गए हैं. इनमें लखनऊ मंडल में 47 किलोमीटर वाराणसी मंडल में 75 में से 48 किलोमीटर तथा इज्जत नगर मंडल में 30 किलोमीटर रेल लाइन के किनारे बाड़ /दीवार लगा दी गई है.