Varalakshmi Vrat 2022: कल है वरलक्ष्मी व्रत, वर्तमान दौर में इसका महत्व, अच्छे फल अवश्य प्राप्त होगें

Varalakshmi Vrat 2022: धन की देवी लक्ष्मी को समर्पित व्रत 17 सितंबर को समाप्त होंगा. वरलक्ष्मी व्रत रखने से घर में धन रुकना शुरू हो जाता है. जीवन में समृद्धि आती है और मानसिक संतापों से आराम मिलता है. आज के भौतिक जगत में हर कोई आर्थिक रूप से संपन्नता चाहता है.

By Shaurya Punj | September 16, 2022 3:39 PM

Varalakshmi Vrat 2022: धन की देवी लक्ष्मी को समर्पित व्रत 16 दिन के होते हैं. इस साल ये व्रत 4 सितंबर 2022 से शुरू हो चुका है और 17 सितंबर को समाप्त होंगे.  

वरलक्ष्मी व्रत की महत्ता

ऐसा माना जाता है कि वरलक्ष्मी का व्रत रखने से अष्टलक्ष्मी व्रत के पूजन जैसा फल मिलाता है. जिन जातकों को जीवन में सुख की प्राप्ति नहीं हो रही है उनको यह व्रत रखने की सलाह दी जाती है. इस व्रत को रखने से घर में शांति बनी रहती है. इस व्रत को शादीशुदा जातकों को रखना चाहिए, कुवांरी कन्याओं के लिए यह व्रत वर्जित माना गया है. यदि व्रत पूरे विधि-विधान से किया जाए तो अच्छे फल अवश्य प्राप्त होते हैं.

समृद्धिदायक है यह व्रत

वरलक्ष्मी व्रत रखने से घर में धन रुकना शुरू हो जाता है. जीवन में समृद्धि आती है और मानसिक संतापों से आराम मिलता है. आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए यह व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा लिया जाता है. माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है और यह व्रत उन्हीं के अवतारों में से एक वरलक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लिया जाता है.

वर्तमान दौर में वरलक्ष्मी व्रत का महत्व

आज के भौतिक जगत में हर कोई आर्थिक रूप से संपन्नता चाहता है. हर किसी की ख्वाहिश होती है कि उसके पास धन और वैभव की कमी न हो. ऐसे में वरलक्ष्मी व्रत रखना हर किसी के लिए लाभदायक है. इस व्रत को श्रद्धापूर्वक रखने से हर किसी के जीवन में आर्थिक संपन्नता और स्थिरता आने लगती है. ख्याल बस यह रखें की खुद की संपन्नता के साथ सामजिक सरोकारों के लिए भी अर्थ का इस्तेमाल करें.

व्रत के दिन इन बातों का रखें ध्यान

वरलक्ष्मी व्रत के दिन व्रती को कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए इसके बारे में नीचे बताया गया है. इन बातों को अमल में लाकर आप माता वरलक्ष्मी की असीम कृपा पा सकते हैं.

  • व्रत के दिन गलत विचारों को खुद पर हावी न होने दें.

  • इस दिन किसी का दिल न दुखाएं.

  • व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें.

  • तन-मन को स्वच्छ बनाए रखने के लिए कम से कम लोगों से मुलाकात करें.

  • शराब-सिगरेट जैसे मादक पदार्थों का सेवन न करें और यदि मांसाहार करते हैं तो वह भी इस दिन न करें.

  • इस दिन वाद-विवाद की स्थिति से बचें क्योंकि इससे मन में गलत धारणाएं जन्म लेती हैं.

  • किसी के लिए भी अपमानजनक शब्दों का इस दिन इस्तेमाल न करें.

  • स्वार्थ की भावना को खुद से दूर रखें.

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