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महादेव की नगरी काशी बनी गैस चैंबर, पटाखों के धुएं ने बच्चों और बड़ों की सेहत से किया ‘खिलवाड़’

दिवाली पर छोड़े गए पटाखों की वजह से लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. इसका खुलासा क्लाइमेट एजेंडा रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक पटाखों से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 6, 2021 5:18 PM

Varanasi Air Pollution: दिवाली के बाद कई शहरों की हवा प्रदूषित है. सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अगर महादेव की नगरी काशी विश्वनाथ की बात करें तो यहां भी दिवाली पर छोड़े गए पटाखों की वजह से लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. इसका खुलासा क्लाइमेट एजेंडा रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक पटाखों से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

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क्लाइमेट एजेंडा रिपोर्ट के मुताबिक शहर की वायु गुणवत्ता 8 गुणा ज्यादा प्रदूषित है. इस साल दिवाली पर आतिशबाजी के कारण काशी गैस चैंबर में तब्दील हो गई है. 6 नवंबर 2021 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक वाराणासी में शिवपुर सबसे अधिक प्रदूषित रहा. सोनारपुरा, पांडेयपुर और मैदागिन क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रहा. इससे वजह से बुजुर्गों और बच्चों को सावधान रहने को कहा गया है.

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पिछले साल की दिवाली की तुलना में इस बार रविंद्रपुरी सबसे साफ रहा. लंका क्षेत्र भी रविंद्रपुरी के बाद दूसरे स्थान पर रहा. निगरानी के दौरान प्राप्त पीएम 10 और पीएम 2.5 के आंकड़े बताते हैं कि शहरवासियों के पटाखों से प्यार ने बच्चों और सीनियर सिटिजन की सेहत के साथ खिलवाड़ किया है.

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प्रबुद्ध जनों की मानें तो प्रदूषण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन को जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है. इसके लिए नागरिकों के लिए कचरा जलाने के कड़े नियम बनाने होंगे. साथ ही नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर भी कार्रवाई करने की आवश्यकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हर साल दिवाली पर्व के बाद शिव नगरी काशी को गैस चैंबर बनने से कोई नहीं रोक सकता है.

(रिपोर्ट: विपिन सिंह, वाराणसी)

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