Varanasi Corona Update: कोरोना संकट में सांकेतिक गंगा आरती, विश्वनाथ धाम में स्पर्श पूजा पर भी रोक

गंगा सेवा निधि ने लागू गाइडलाइंस के हिसाब से सोमवार शाम गंगा आरती को संपन्न कराया. प्रशासन ने कोरोना की नई गाइडलाइंस जारी करते हुए जिले के सार्वजनिक स्थलों और गंगा घाटों पर शाम चार बजे के बाद घूमने और बैठकी पर रोक लगा दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 10, 2022 7:33 PM

Varanasi Corona Update: देश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में कोरोना के खतरों को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती को लेकर अहम फैसला हुआ है. वाराणसी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच गंगा आरती में आम लोगों का आना प्रतिबंधित किया गया है. अब सात की जगह सिर्फ एक ब्राह्मण सांकेतिक आरती करेंगे. वहीं, बाबा विश्वनाथ धाम में भी कोरोना को लेकर नए नियम जारी किए गए हैं. बाबा विश्वनाथ धाम में शिवलिंग के स्पर्श पर भी रोक लगाई गई है. सोमवार को शिवनगरी काशी में कोरोना संक्रमण के 283 मामलों के मिलने के बाद सख्ती बढ़ाई गई है.

शाम 4 बजे के बाद घाट पर आना बैन

गंगा सेवा निधि ने लागू गाइडलाइंस के हिसाब से सोमवार शाम गंगा आरती को संपन्न कराया. प्रशासन ने कोरोना की नई गाइडलाइंस जारी करते हुए जिले के सार्वजनिक स्थलों और गंगा घाटों पर शाम चार बजे के बाद घूमने और बैठकी पर रोक लगा दी है. इसको लेकर गंगा सेवा निधि ने दशाश्वमेध घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट की विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की महाआरती को सात अर्चक की बजाय सिर्फ एक अर्चक द्वारा सांकेतिक रुप से कराए जाने का फैसला लिया गया है. आम लोगों का आना भी रोका गया है.

कोरोना संकट में सांकेतिक गंगा आरती

गंगा सेवा निधि अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है. जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि गंगा घाट शाम 4 बजे से आम लोगों को लिए प्रतिबंधित रहेंगे. यहां दर्शनार्थियों के आवागमन पर भी रोक लगा दी गई है. इसके पूर्व में भी जब लॉक डाउन लगा था तब भी मां गंगा की सात ब्राह्मणों की आरती को एक ब्राह्मण की सांकेतिक आरती में बदल दिया गया था. उसी तर्ज पर लगभग चार महीने बाद सांकेतिक आरती शुरू हुई है.

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काशी कोतवाल बनें पुलिस अधिकारी

गंगा सेवा निधि ने श्रद्धालुओं से मां गंगा की ऑनलाइन आरती देखने की अपील की है. इससे पहले कोरोना संक्रमण को देखते हुए काशी कोतवाल काल भैरव का पुलिस अधिकारी के रूप में श्रृंगार किया गया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि बाबा कालभैरव कोरोना के बढ़ते प्रकोप से काशीवासियों की सुरक्षा करें. काशी कोतवाल पुलिस अधिकारी की वर्दी में दिखे और हाथों में रजिस्टर लेकर जनसुनवाई करते नजर आए. विशेष श्रृंगार से कोरोना के खात्मे और कल्याण की कामना की गई है.

(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)

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