Dev Deepawali 2021: अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय… 10 तसवीरों में देखें वाराणसी में देव दीपावली की तैयारियां
पंचगंगा घाट पर हजारा दीप स्तंभ की पूजा जगतगुरु रामानंदाचार्य रामनरेशाचार्य करेंगे. इसके बाद काशी के 84 घाट देव दीपावली के रंग में रंग जाएगा.
1) देव दीपावली को लेकर वाराणसी के गंगा घाट सजकर तैयार हैं. गंगा तट पर देव दीपावली की अलौकिक छटा देखने के लिए देश के तमाम कोने से लोग शहर में डेरा डाल चुके हैं.
2) देव दीपावली पर शुक्रवार की शाम सूर्य डूबने के बाद काशी के 84 घाट दीपों से ऐसे जगमगाएंगे जैसे पृथ्वी पर स्वर्ग उतर आया हो. वाराणसी जिला प्रशासन की 15 लाख दीपक जलाने की तैयारी की है.
3) काशी के पंचगंगा घाट पर देव दीपावली का पहला दीपक जलते ही काशी के सभी घाट देव दीपावली के रंगों में रंग जाएंगे. पंचगंगा घाट पर हजारा दीप स्तंभ की पूजा जगतगुरु रामानंदाचार्य रामनरेशाचार्य करेंगे. इसके बाद काशी के 84 घाट दीपक से रौशन हो जाएंगे.
4) श्रीराम की नगरी अयोध्या के बाद महादेव की नगरी काशी देव दीपावली पर 15 लाख दीपक का साक्षी बनेगा. इस बार विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली पर काशी के गंगा घाटों पर कई आकर्षण भी देखने को मिलेंगे.
5) इस बार की देव दीपावली में रोशनी से नहाए घाटों को दर्शक हॉट एयर बैलून में बैठकर देख सकेंगे. पर्यटन विभाग ने पूरी व्यवस्था काशीवासियों के लिए कर दी है. घाटों पर देव दीपावली की तैयारी हो चुकी है.
6) गंगा में चलने वाली छोटी-बड़ी नावों की बुकिंग हो चुकी है. वाराणसी के होटल और लॉज फुल हो चुके हैं. सुरक्षा व्यवस्था का पूरा इंतजाम वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने कर लिया है. इस बार ड्रोन कैमरा से वाराणसी पुलिस काशी के 84 घाटों की निगरानी करेगी.
7) श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के भव्य कॉरिडोर समेत प्राचीन और मॉडल बनारस के परिवर्तित स्वरूप को भी देखेंगे. पर्यटकों के अनुसार काशी को आसमान की ऊंचाई से देखने का जो सुखद दृश्य है, वो काफी खूबसूरत है.
8) गंगा में चलने वाली 1,500 से अधिक छोटी-बड़ी नावों, बजरों और स्टीमरों को सैलानी बुक कर चुके हैं. अब वाराणसी में एक भी नाव खाली नहीं है. वहीं, गंगा घाटों के 500 मीटर के दायरे में आने वाले 175 से ज्यादा होटलों, लॉज और धर्मशालाओं के कमरे बुक हैं.
9) दूर छावनी क्षेत्र और कैंट रेलवे स्टेशन के सामने भी यही हाल है. जिसे देखते हुए यहां पर दो लाख से ज्यादा सैलानियों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है. नाविक भरत ने बताया कि यह पर्व साल भर का ऐसा दिन है, जब गंगा मैया अपने पुत्रों को कमाने का अच्छा अवसर देती हैं.
10) गंगा में चलने वाली तीनों क्रूज में प्रति व्यक्ति 12 हजार रुपए किराया है. क्रूज संचालन से जुड़े विकास मालवीय ने बताया कि कोरोना काल के बाद अच्छा अवसर आया है. तीनों ही क्रूज फुल हो चुके हैं और उनमें अब जगह नहीं बची है.
(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)