Varanasi News: बनारस घाट पर गंगा आरती के खिलाफ प्रदर्शन, आयोजन के बाजारीकरण का लगा आरोप
सुबह-ए-बनारस संस्था पर गंगा आरती के नाम पर बाजारीकरण और राजनीतिक दलों की साख बनाने का कार्य करने का आरोप गंगा समग्र काशी ने लगाया. घाटस्थल पर पंडा-पुरोहित समाज के छात्रों ने आजीविका छीनने के आरोप संस्थान पर लगाए हैं.
Varanasi News: ‘तीर्थ पुरोहितों का अधिकार मत छीनो सरकार’… इस विरोध संदेश के साथ सुबह- ए-बनारस संस्था के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. सुबह-ए-बनारस संस्था पर गंगा आरती के नाम पर बाजारीकरण और राजनीतिक दलों की साख बनाने का कार्य करने का आरोप गंगा समग्र काशी ने लगाया. घाटस्थल पर पंडा-पुरोहित समाज के छात्रों ने आजीविका छीनने के आरोप संस्थान पर लगाए हैं.
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चंद्रशेखर मिश्रा, सहसंयोजक, गंगा समग्र काशी प्रांत ने सुबह-ए-बनारस संस्था पर राजनीतिक लाभ का आरोप लगाते हुए उसके अस्सी घाट पर होने वाली आरती का विरोध किया. कहा कि काशी के घाटों पर गंगा आरती-पूजन की सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़ने का काम किया जा रहा है. अनधिकृत रूप से बाजारीकरण करके गंगा आरती-पूजन के नाम पर अस्सी घाट की सुबह-ए-बनारस संस्था व्यवसायीकरण कर रही है. हमारे पंडा-पुरोहित यहां के नाविक समाज के लोगों की आजीविका को छीनकर किसी असामाजिक अनाधिकृत लोगों को कार्य दे रहे हैं. जिसका विरोध हमलोग कर रहे हैं.
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लोगों ने कहा संस्था को विभिन्न राजनीतिक दल समर्थन दे रहे हैं. कुछ लोग इस संस्था के समर्थन में मंत्रिमंडल में बैठे हैं, कुछ लोग बाहर से हैं, यहां के लोकल जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इन्हें शह दिया जा रहा है. अभी सरकार ने दिव्यांगों के लिए एक रैम्प बनाने के लिए बात शुरू हुई है. उस रैंप को उठाकर यहां के पौराणिक घाटों पर ले जाकर तोड़फोड़ की जा रही है जो पूरी तरह से गलत है. गंगा आरती करने का अधिकार सिर्फ पुरोहित और पंडा समाज को है. यहां के निजी संस्थानों द्वारा जो सुबह-ए-बनारस के गंगा आरती के नाम पर जो राजनीतिकरण जो किया जा रहा है, वो गलत है, उसे जल्द बंद की जाए.
(रिपोर्ट: विपिन सिंह, वाराणसी)