Varanasi: ज्ञानवापी- श्रृंगार गौरी केस हुआ पेचीदा, मंदिर पक्ष की वादी महिलाओं ने कहा- मरते दम तक लड़ेंगे
Varanasi Gyanvapi Masjid Case: वादी पक्ष से जुड़ी मंजू व्यास ने मीडिया के सामने बताया कि केस वापस लेने की बात ग़लत है. हमलोग कोई केस वापस नही ले रहे हैं. हमलोग मरते दम तक यह लड़ाई लड़ेंगे.
Varanasi Gyanvapi Masjid Case: विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन द्वारा श्रृंगार गौरी व ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुकदमा वापस लेने के एलान के साथ ही मामला पेचीदा होता नज़र आ रहा है. इस मामले में जितेंद्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह को छोड़कर मुकदमा लड़ रही चारों महिलाओं ने किसी भी हाल में केस वापस नहीं लेने की घोषणा करके सभी को चौंका दिया है. वाराणसी की जिला अदालत में श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन को लेकर किये गए मुकदमे में वादी पक्ष की 4 महिलाओं ने मरते दम तक मुकदमा लड़ने की बात कही है. उन्होंने मीडिया के समक्ष चुनौती देते हुए कहा कि किसी एक वादी के मुकदमा वापस लिए जाने से पूरा मुकदमा समाप्त नहीं होगा.
वादी पक्ष से जुड़ी मंजू व्यास ने मीडिया के सामने बताया कि केस वापस लेने की बात ग़लत है. हमलोग कोई केस वापस नही ले रहे हैं. हमलोग मरते दम तक यह लड़ाई लड़ेंगे. जितेंद्र सिंह बिसेन के केस वापस लेने की हमें कोई जानकारी नहीं है और किसी एक के केस वापस लेने से मुकदमा खत्म नहीं होगा. उन्होंने आगे यह कहा कि हमारे ऊपर किसी का कोई दबाव नहीं है. जो लड़ाई हमने शुरू की है इसको अंत तक हम ही लड़ेंगे. वादी पक्ष की लक्ष्मी देवी ने बताया कि हम चारो महिलाएं वाराणासी की है और साथ में मिलकर मुकदमा लड़ेंगी.
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रेखा पाठक ने बताया कि राखी सिंह द्वारा केस वापस लेने की हमें कोई जानकारी नही है. उनके सम्पर्क में हम 2 से 3 दिन से नहीं है. कुछ भी हो जाये हमलोग ये केस लड़ेंगे और पीछे नहीं हटेंगे. राखी सिंह से सम्पर्क हमारा वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन के माध्यम से हुआ था. हमलोग जितेन्द्र सिंह बिसेन के माध्यम से इस कमेटी से जुड़े. हमने इनलोगो से श्रृंगार गौरी के नियमित रूप से दर्शन- पूजन के लिए मन्दिर बनाने के लिए सहयोग मांगा. इसलिए हम इनकी कमेटी से जुड़े और मुकदमा दायर हुआ.
रिपोर्ट – विपिन सिंह