Varanasi News: पुलिस धर्म का फर्ज समाज की सुरक्षा व्यवस्था को कायम करना और अपराधमुक्त समाज की स्थापना करना है. इसीलिए पुलिस को हमारे समाज ने रक्षक की संज्ञा दी है. ऐसे ही एक रक्षक की वजह से घायल युवक की जान समय से इलाज उपलब्ध होने के कारण बचाई जा सकी.
इस रक्षक की भूमिका में वाराणसी के अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) सुभाष चंद्र दुबे थे, जिन्होंने ड्यूटी करते हुए बुरी तरह से घायल 17 वर्षीय युवक को तत्काल ट्रामा सेंटर में भर्ती कराकर समय से इलाज उपलब्ध कराकर उसकी जान बचाई. आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे के इस कार्य से पूरा पुलिस महकमा गौरान्वित महसूस कर रहा है.
Also Read: Varanasi News: काशी में मरने से मिलता है मोक्ष, जानकर तेलंगाना का व्यापारी दे रहा था जान, तभी…गुरुवार की रात करीब 10 बजे अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) सुभाष चंद्र दुबे वाराणसी कमिश्नरेट द्वारा सुरक्षा व्यवस्था आदि के पर्यवेक्षण के क्रम में शहर में नाइट पेट्रोलिंग कर रहे थे. उसी वक्त भेलुपुर स्थित जल संस्थान के सामने काफी संख्या में भीड़ इकठ्ठा देखकर पुलिस आयुक्त मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने खून से लथपथ एक युवक को अचेतावस्था में जमीन पर घायल पड़ा देखा. उसके शरीर से काफी खून निकलता दिखाई दे रहा था.
Also Read: जब जन्मदिन पर जूनियर को सीनियर अधिकारी ने दी सरप्राइज पार्टी, नम हो गई बर्थडे ब्वॉय की आंखेंबहुत ही बुरी तरह से घायल पड़े युवक को देखकर तत्काल पुलिस आयुक्त ने मानवता का परिचय देते हुए वाहन व्यवस्था की और पुलिस बल के साथ वाहन में बिठाकर ट्रामा सेंटर ले जाकर तत्काल उसका इलाज शुरू करवाया. मौके पर डॉक्टरों द्वारा बताया गया कि यदि थोड़ा और विलम्ब होता तो ये लड़के के लिये घातक हो सकता था.
घायल लड़के की पहचान भेलूपुर निवासी श्रवण शर्मा के 17 वर्षीय पुत्र मोहित शर्मा के रूप में हुई है, जो दसवीं का छात्र है और किसी काम से घर से निकला था. पुलिस आयुक्त ने घायल लड़के के परिजनों को घटना की सूचना दी और उसके संपूर्ण इलाज को सुनिश्चित कराया, जिससे समय रहते उसकी जान बचाई जा सकी.
Also Read: Varanasi News: वाराणसी में नए साल के जश्न पर नाइट कर्फ्यू तोड़ना पड़ेगा भारी, पुलिस की तगड़ी तैयारीघायल युवक के परिजनों ने पुलिस आयुक्त सुभाष चंद्र दुबे के प्रति बहुत आभार व्यक्त किया. अगर समय पर उस युवक को इलाज उपलब्ध नहीं होता तो आज किसी के घर का चिराग बुझ जाता और नए साल के प्रारम्भ होने की ख़ुशी के बीच उनके परिवार में गम का माहौल होता. ऐसे पुलिस ऑफिसर की ही वजह से हमारा समाज सुरक्षित और पुलिस व्यवस्था पर गर्व महसूस करता है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी