Varanasi News: हममें से कई लोगों ने सितारा देवी को नृत्य करते नहीं देखा होगा. कहते हैं तबले की ‘ताक धिना धिन’ पर सितारा देवी के पैर में बंधे घुघरूं जुगलबंदी करते थे तो महफिल शांत भाव से उनके नृत्य में डूब जाती थी. मानों स्वर्ग की कोई अप्सरा धरती पर उतरकर कथक नृत्य में ध्यान साधे अपने जीवंत हावभाव से कोई कहानी कह रही हों. बनारस से ताल्लुक रखने वाली सितारी देवी के मन में इस शहर का वास था. सितारा देवी ने जगह बदली, उनके दिल में बनारस की जगह जस की तस रही. सितारा देवी पर बॉलीवुड में फिल्म बनने वाली है. इसको लेकर बनारस के लोग खासे उत्साहित हैं.
अपने दौर की सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना रहीं सितारा देवी पर बायोपिक बनाने के ऐलान का बॉलीवुड ने जोरदार स्वागत किया है. कंपोजर एआर रहमान, सलीम मर्चेंट से लेकर दूसरे कलाकारों ने खुशी जाहिर की है. सितारा देवी को रवींद्रनाथ टैगोर ने नृत्य सम्राज्ञी कहा था. संगीत नाटक अकादमी, कालिदास सम्मान समेत पद्मश्री से सम्मानित सितारा देवी के कथक में बनारस और लखनऊ घराने का मिश्रण था.
उनकी विरासत सहेजने के मकसद से बॉयोपिक बनाने का ऐलान हुआ है. इस फिल्म में सितारा देवी के बनारस घराने में ली गई शिक्षा को सब्जेक्ट बनाया गया है. मूवी बनाने की घोषणा मुंबई की राज आनंद मूवीज ने 101वीं जयंती के अवसर पर किया है. निर्देशन सितारा देवी की बेटी जयंती माला मिश्रा करेंगी. स्क्रिप्ट उनके बेटे रंजीत बारूत लिख रहे हैं. इसमें ऑस्कर विनर एआर रहमान म्यूजिक दे सकते हैं.
Biopic on legendary Sitara Devi announced. Produced by Raj C Anand under his banner RAJ ANAND MOVIES (RAM) with Sitara Devi’s son Ranjit Barot guiding the project and providing the vision. Director and cast to be announced soon. @raj43825980 @ranjitbarot #biopic #SitaraDevi
— A.R.Rahman (@arrahman) November 8, 2021
सितारा देवी का बनारस से गहरा लगाव रहा. 8 नवंबर 1920 को कोलकाता में जन्मीं सितारा देवी का परिवार बनारस से था. सितारा देवी के पिता सुखदेव महाराज एक स्कूल टीचर थे. वो कथक भी करते थे. सितारा देवी ने मुंबई में रविंद्र नाथ टैगोर और सरोजिनी नायडू के सामने परफॉर्म किया था. 16 साल की उम्र में शानदार प्रस्तुति दिया तो टैगोर ने सितारा देवी नृत्य सम्राज्ञिनी का खिताब दिया था. काशी के संगीत घराने को नई दिशा देने वाली सितारा पर बन रही बायोपिक का आधार वाराणसी होगा.
सितारा देवी के पौत्र और कथक के कलाकार पंडित विशाल कृष्णा ने बताया कि बायोपिक के लिए मुंबई में स्टारकास्ट का ऑडिशन शुरू हो गया है. धन्नो से सितारा देवी बनने की कहानी के पीछे उनकी तपस्या, त्याग, समर्पण और गुस्सा भी था. वो सारी चीजें बायोपिक में शामिल की जाएगी. उन्हें चीन और रूस जैसे देशों से नागरिकता का आमंत्रण मिला. उन्होंने भारत में रहना चुना. सितारा देवी के पिता सुखदेव महाराज बनारस के कबीरचौरा के रहने वाले थे. बाद में वो कोलकाता चले गए. 8 नवंबर 1920 को सितारा देवी का जन्म हुआ. सितारा देवी वापस बनारस आ गई थीं. बनारस आते ही उनका मन गीत-संगीत, नृत्य में रमने लगा. 94 साल की उम्र में 25 नवंबर 2014 को मुंबई में निधन हुआ था.
(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)
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