Varanasi News: वाराणसी की राजातालाब तहसील के शिवसागर गांव की 1.40 हेक्टेयर जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया है. राजातालाब तहसील के SDM कोर्ट ने कुंवर अनंत नारायण सिंह, विद्यापीठ के कुलपति सहित 8 लोगों को नोटिस जारी की है. मामला तहसील क्षेत्र के शिवसागर गांव में 1.40 हेक्टेयर जमीन के पट्टे का है. इसमें एडवोकेट प्रदीप कुमार सिंह ने एसडीएम कोर्ट राजातालाब के कोर्ट में एप्लिकेशन दे कर बताया की काशी महाराज कुंवर अनंत नारायण सिंह ने गैरकानूनी तरीके से जमीन का पट्टा काशी विद्यापीठ को कर दिया है.
कोर्ट ने कुंवर अनंत नारायण सिंह और काशी विद्यापीठ के कुलपति सहित सभी आठ पक्षकारों को नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली डेट 4 अगस्त निर्धारित की है. कोर्ट में दी गयी एप्लिकेशन में एडवोकेट प्रदीप कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया है कि शिवसागर गांव में आराजी संख्या-40 की 1.400 हेक्टेयर जमीन तालाब की है. वर्ष 2005 में तालाब की जमीन का पट्टा महराज की ओर से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को ग्रामीण चिकित्सा विज्ञान संस्थान के स्थापना के उदेश्य से किया गया.
प्रदीप कुमार सिंह के द्वारा यह आपत्ति की गई कि जिस जमीन का पट्टा किया जा रहा है, वह सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित सरकारी जमीन है. फिर भी प्रदीप कुमार सिंह की आपत्तियों को दरकिनार कर कुलाधिपति ने काशी विद्यापीठ के नए परिसर का उस जमीन पर उद्घाटन कर दिया. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि मामले में नया मोड़ तब आया जब कुंवर अनंत नारायण सिंह की ओर से राजातालाब के तहसीलदार न्यायिक के यहां नामांतरण मुकदमे में आपत्ति की गई. कहा गया कि जमीन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को ग्रामीण चिकित्सा विज्ञान संस्थान की स्थापना के उदेश्य से दी गई थी. लेकिन, वहां पर चिकित्सा संस्थान की जगह कृषि संकाय की स्थापना कर दी गई। यह पट्टे की शर्तों का उल्लंघन है. इसलिए पट्टा निरस्त किया जाए.
प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि उनके अधिवक्ता मनीष कुमार सिंह और पुष्पराज मौर्य ने उप जिलाधिकारी राजातालाब के समक्ष के मुकदमा प्रस्तुत किया। कहा कि आराजी संख्या-40 की 1.40 हेक्टेयर जमीन शिवसागर तालाब के नाम से दर्ज है. इसलिए यह सरकार की जमीन है. कुंवर अनंत नारायण सिंह को यह अधिकार नहीं था कि वह तालाब का पट्टा विद्यापीठ के नाम कर दें. विद्यापीठ को भी यह अधिकार नहीं था कि वह महाराज बनारस से तालाब की जमीन का कब्जा स्वीकार करें।.इसीलिए अवैधानिक पट्टा निरस्त करने के लिए मुकदमा उप जिलाधिकारी के समक्ष दाखिल किया गया है.