Loading election data...

Varanasi News: नर्स को कपड़े के ऊपर से लगा दी वैक्सीन, अब नहीं उठ पा रहा हाथ, जिम्मेदार मौन

Varanasi News: प्राइवेट अस्पताल में कार्यरत मंजू का कहना है कि उसे ग्राम सभा सुरही में कोरोना की यह दूसरी डोज लगी थी. वैक्सीन लगाने वाली पैरा मेडिकल स्टाफ ने कपड़ों के ऊपर से ही इंजेक्शन लगा दिया था.

By Prabhat Khabar News Desk | January 11, 2022 9:30 PM

Varanasi News: कपड़े के ऊपर से ही कोरोना वैक्सीन लगाने की वजह से वाराणसी के एक निजी अस्पताल की नर्स मंजू कश्यप का बायां हाथ हिलना-डुलना बन्द हो गया. यह दिक्कत उनको तब आई, जब उन्होंने तीन महीने पहले एक वैक्सीनेशन कैंप में वैक्सीन की दूसरी डोज ली थी. अब उनकी सर्जरी काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल में होने जा रही है.

प्राइवेट अस्पताल में कार्यरत मंजू का कहना है कि उसे ग्राम सभा सुरही में कोरोना की यह दूसरी डोज लगी थी. वैक्सीन लगाने वाली पैरा मेडिकल स्टाफ ने कपड़ों के ऊपर से ही इंजेक्शन लगा दिया था. महिला ने कपड़े के ऊपर से वैक्सीन लगाने के लिए रोका-टोका भी था, लेकिन वैक्सीन लगवाने वाली स्टाफ ने कहा कि डॉक्टर तुम नहीं मैं हूं. लगवाना हो तो लगवाओ, वरना वापस जाओ. यह कहते उसने इंजेक्शन लगा दिया. बड़ा तेज दर्द हुआ और हाथ मुड़ने लगा. इसके बाद मंजू ने अपनी गुहार उस डॉक्टर से लगाई मगर उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की.

Also Read: Varanasi News: वाराणसी के रामनगर से आज भी जुड़ी हैं शास्त्री जी की यादें, संग्रहालय में लगे हैं कई फोटो

मंजू करखियांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा स्थल पर भी अपनी गुहार लगाने आई थी. मगर कोई फायदा नहीं हुआ. मंजू ने बताया कि कबीरचौरा अस्पताल में रेफर किया गया तो कलर डॉप्लर हुआ. जांच के बाद डॉक्टरों ने कह दिया कि हड्डी और नस दोनों चिपक गई है. बहुत घातक बीमारी है. इसमें आपके हाथ की सर्जरी करनी पड़ेगी. इसलिए हम जनसभा में अधिकारियों से अपनी पीड़ा व्यक्त करने आए थे, मगर वहां भी निराशा हाथ लगी.

Also Read: UP Chunav 2022: वाराणसी में आदर्श आचार संहिता का पालन नहीं करा पा रही पुलिस, लोगों ने पूछे सवाल

इसके बाद मंजू ने बीएचयू अस्पताल के सर्जन प्रो. एके खन्ना से गुहार लगाई है कि उसे ठीक करें. अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने बताया कि मंजू काफी परेशान थी. उनको डॉक्टर से परामर्श दिलाया गया. हालांकि अब सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि महिला के इलाज के लिए खर्च कहां से लाया जाएगा.

मां-बाप की इकलौती औलाद मंजू ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने का पैसा नहीं है. अगर यह गलती स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की वजह से हुई है, तो जिम्मेदारों को खर्च का वहन करना चाहिए. फिलहाल बीएचयू अस्पताल में अब मंजू की सर्जरी होने जा रही है. मगर स्वास्थ्य विभाग से हुई इस चूक का खामियाजा नाहक ही मंजू को भुगतना पड़ रहा है.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

Next Article

Exit mobile version