Varanasi News: BHU में OPD पर्ची का रेट 10 रुपये बढ़ा, मरीजों का सवाल- नहीं मिलती कोई सुविधा, क्यों दें पैसे?

बीएचयू में ओपीडी पर्ची का रेट 20 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है. इससे मरीजों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि यहां पर न तो स्ट्रेचर की व्यवस्था की जा रही है और न ही लिफ्ट की.

By Prabhat Khabar News Desk | November 15, 2021 9:38 PM

Varanasi News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में नए कुलपति के नियुक्त होने के बाद अस्पतालों में ओपीडी के पर्ची का रेट 50 प्रतिशत बढ़ गया. इससे गरीब मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. पहले यह फीस 20 रुपये थी. अब इसे बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है.

पिछले सप्ताह से ऑनलाइन ओपीडी बुकिंग सिस्टम को खत्म कर ऑफलाइन कर दिया गया था, जिसके अस्पताल प्रशासन पर्ची का रेट बढ़ाने पर विचार कर रहा था. अब रेट बढ़ जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इधर रेट बढ़ने की भनक पाते ही BHU में छात्रों के दल में नाराजगी है.

Also Read: गौरवशाली BHU: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट में बीएचयू के 39 वैज्ञानिक, छात्रों और शिक्षकों में खुशी की लहर

ओपीडी पर्ची के 50 प्रतिशत बढ़े हुए रेट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर बढ़ती महंगाई में अत्यधिक दबाव का कार्य किया है. बीएचयू एमएस का कहना है कि सैलरी और खर्च बढ़े, मगर OPD की शुल्क 15 साल से नहीं बढ़ाई गई. अब हॉस्पिटल मैनेजमेंट कमेटी ने फैसला लिया कि अब इसका भी रेट बढ़ाया जाना चाहिए. रेट बढ़ाने का फैसला 1 महीना पहले ही ले लिया गया था. अब उसका नोटिफिकेशन बढ़ा दिया गया है.

Also Read: Varanasi News: बनारसी साड़ी पर महंगाई का असर, बिक्री के दाम में होगा 25% का इजाफा

बीएचयू मेडिकल कॉलेज में हर साल 8 करोड़ रुपये बिजली का बिल आता है. उनके खर्च का वहन कैसे होगा. इधर मरीजों का कहना है कि बढ़े हुए रेट से हम मरीजों को कोई सुविधा और लाभ नहीं मिल रहा है. अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था तक ठीक नहीं है. यहां मरीजों की सुविधा के लिए लिफ्ट तक नहीं है. मरीजों को लोग कंधों पर उठाकर चार मंजिला इमारतों की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं.

मरीजों का कहना है कि अस्पताल की इमारतें तो बेहतर बनती जा रही हैं, मगर मरीजों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है. बस बढ़ती हुई फीस से यहां की इमारतें बन रही हैं, फर्श चमकाए जा रहे हैं, न तो लिफ्ट की मरम्मत की जा रही हैं और न ही स्ट्रेचर की व्यवस्था की जा रही है. आखिर फिर क्यों मरीज बढ़े हुए पर्चो का रेट दें.

Also Read: Varanasi News: पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह सम्मान लेकर लौटे काशी, हिंदू युवा वाहिनी ने कई जगहों पर किया स्वागत

मरीजों ने कहा कि जांच भी ढंग से होती है. कुछ जांच होती भी है तो मरीजों को महीने भर डेट का इंतजार करना पड़ जाता है. वहीं, जांच के लिए अस्पताल से लेकर IMS मेडिकल कॉलेज तक के चक्कर काटने पड़ते हैं. सिंगल विंडो सिस्टम की भी व्यवस्था नहीं की गई.

(रिपोर्ट- विपिन सिंह)

Next Article

Exit mobile version