Varanasi News: सर सुंदरलाल अस्पताल के डॉक्टर आर-पार के मूड में, अब इमरजेंसी सेवा भी रोकी
सर सुंदरलाल अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अब आर-पार के मूड में आ गए हैं. उन्होंने अब इमरजेंसी सेवा भी रोक दी है.
Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल में कई दिनों से नीट-पीजी काउंसिलिंग न होने पर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा भी रोक दी है. जूनियर डॉक्टरों ने 6 दिसंबर से इमरजेंसी सेवा भी रोक देने की पहले से ही धमकी दी थी. मंगलवार यानी आज जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा रोककर मरीजों के तीमारदारों की जान सांसत में डाल दी है.
दरअसल, 26 नवंबर से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. नीट-पीजी काउंसलिंग का मामला कोर्ट में लटका हुआ है. कोर्ट में सुनवाई की तारीख जनवरी में पड़ेगी. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि काउंसलिंग ना होने से उनकी नियुक्ति और प्रमोशन का प्रोसेस रुका हुआ है. इसलिए जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार दोपहर बाद इमरजेंसी सेवा ठप कर दी. इमरजेंसी, आईसीयू व एनआईसीयू में ड्यूटी कर रहे जेआर को बाहर निकालेंगे ताकि सुप्रीम कोर्ट में काउंसलिंग के मामले में जल्द सुनवाई हो.
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वहीं, इस पूरे मामले में बीएचयू का कोई जिम्मेदार अधिकारी फोन नहीं उठा रहा है. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए शीर्ष अधिकारियों और डॉक्टरों की बैठक चल रही है.
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने पिछले दो दिनों से ये दबाव बनाया हुआ था. अब डॉक्टरों ने फैसला किया है कि दूसरे शहरों की तरह इमरजेंसी सेवा को भी रोका जाएगा और वहां से लोगों को बाहर निकालेंगे.
बता दें कि नए बैच के जेआर की नियुक्ति मई में हो जाती थी, लेकिन कोरोना की वजह इस साल सारी प्रक्रिया में देरी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के देरी में निर्णय की वजह से अभी तक जेआर की नियुक्ति नहीं हो पाई है. जेआर प्रथम वर्ष की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण उन पर अतिरिक्त भार पड़ गया है और चिकित्सा शिक्षा भी प्रभावित हो रही है.
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(रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी)