Varanasi News : महामना मदन मोहन मालवीय की तपोभूमि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में उर्दू दिवस पर आयोजित वेबिनार के लिए छपवाए गए आमंत्रण पत्र पर महामना की तस्वीर की जगह पर अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगने से बीएचयू के छात्र नाराज हो गए हैं. वे इस पर हंगामा कर रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए आर्ट्स विभाग के डीन विजय बहादुर सिंह ने खेद जताया है. साथ ही, मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
(शर्मनाक):- "9 नवंबर को उर्दू-दिवस के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में आयोजित होने वाले सेमिनार से BHU के संस्थापक महामना मालवीयजी की तस्वीर गायब है और पाकिस्तान के निर्माण में अहम योगदान देने वाले अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगी है।"@VCofficeBHU @SureshChavhanke pic.twitter.com/ylmB17SpTv
— Gunjesh Jha 🐦 (@JhaGunjesh) November 8, 2021
आर्ट्स विभाग के डीन विजय बहादुर सिंह ने खेद जताते हुए कहा कि उर्दू विभाग के अध्यक्ष आफताब अहमद को इस पूरे मामले में जवाब देने और जांच कमेटी के सामने पेश होने का फरमान सुनाया गया है. गौरतलब है कि बीएचयू के उर्दू विभाग ने एक वेबिनार कार्यक्रम कराने के लिए आमंत्रण पत्र छपवाया था. इस आमंत्रण पत्र पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की फ़ोटो की जगह अल्लामा इकबाल की फ़ोटो लगाई गई थी.
Also Read: गौरवशाली BHU: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट में बीएचयू के 39 वैज्ञानिक, छात्रों और शिक्षकों में खुशी की लहरUrdu Department, Faculty of Arts, #BHU, is organizing a webinar as per the details given in the poster. Sincerest apologies for the inadvertent mistake in the earlier poster that went viral on social media.@bhupro @VCofficeBHU pic.twitter.com/loGvXe99IU
— Dean – Faculty of Arts, BHU (@DeanArtsBHU) November 8, 2021
मंगलवार को इस बात की जानकारी होते ही बीएचयू के छात्र आक्रोशित हो गए. वे महामना की बगिया में होने वाले कार्यक्रम में महामना की जगह किसी और की फ़ोटो के इस्तेमाल पर सवाल उठाने लगे. उन्होंने कहा कि ये महामना का अपमान है. इस पूरे मामले की जानकारी आर्ट फैकल्टी के डीन डॉक्टर विजय बहादुर सिंह को हुई तो उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए उर्दू विभाग के अध्यक्ष से जवाब सवाल किया.
Also Read: Varanasi News: ABVP ने NTA पर बीएचयू की प्रवेश परीक्षा में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप, कुलपति से की यह मांगडीन डॉक्टर विजय बहादुर सिंह ने बताया कि आफताब अहमद ने इसे एक भूल माना है और गलती होने पर खेद प्रकट किया है और सभी से मांफी मांगी है. बीएचयू डीन ने इस पूरे मामले में जांच समिति के सामने पेश हो कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.
इसी क्रम में शोधछात्र पतंजलि पांडे ने बताया कि इससे पहले भी भूगोल विभाग की महिला प्रोफेसर ने भारत के नक्शे को गलत दिखाया था. उर्दू विभाग ऐसी सोच में चार कदम आगे चला गया है. उर्दू विभाग के किसी कार्यक्रम में कुलगीत भी नहीं गाया जाता है. उर्दू दिवस के कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र पर महामना की तस्वीर न लगाना सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया है. उन्होंने कहा कि बीएचयू के उर्दू विभाग में जिन्नावादी विचारधारा लगातार हावी होती जा रही है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी